ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने रविवार को जी 7 सम्मेलन में शामिल होकर सभी भी हैरान कर दिया था। इसका आयोजन फ्रांस के दक्षिणीपश्चिमी शहर बिररिट्ज़ में हो रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन वांशिगटन और तेहरान के बीच तनाव को कम कर्णक चाहते हैं।
जी 7 सम्मेलन की मेजबानी कर रहे फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता करने के प्रयासों में जुटा हुआ है। अमेरिका ने बीते वर्ष ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और इसके बाद से ही फ्रांस शांति प्रयासों में जुटा हुआ था।
मैक्रॉन ने जावेद जरीफ से शुक्रवार को पेरिस के बाबत दुर्लभ वार्ता की थी। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ टेलीफोन पर वार्ता की थी।
ट्वीटर पोस्ट के माध्यम से ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जरीफ फ्रांस और ईरान के बीच हालिया कार्यवाई के संबंधित वार्ता को जारी रखेगा। लेकिन इस यात्रा के बाबत अमेरिकी प्रतिनिधि समूह से कोई वार्ता नही की जाएगी।
रविवार को शुरुआत में लोकल मीडिया ने मैक्रॉन के हवाले से कहा कि जी 7 नेताओं ने ईरान पर संयुक्त रूप सर क्या चाहते हैं, इस पर सहमति जाहिर की है। बहरहाल ईरान पर अधिकतम दबाव की पॉलिसी को ट्रम्प ने कायम रखा है।
मैक्रॉन के साथ जी 7 मे ईरान पर संयुक्त बयान देने के बाबत ट्रम्प ने कहा कि मैंने इस पर चर्चा नही की है, नही मैंने नही किया है। आप जानते हैं हम किसी को बोलने से नही रोक सकते हैं। अगर वे बातचीत करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि “कल हमने चर्चा की थी, जहां से दो प्राथमिकताएं उभरती है। जी 7 का कोई भी सदस्य ईरान के पास परमाणु हथियार नही चाहता है। दूसरा, जी 7 के सभी सदस्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए गहनता से प्रतिबद्ध है। इसलिए हम उन कार्रवाई को नजरअंदाज करना चाहते हैं जो इससे समझौता करे।”
उन्होंने कहा कि “जी 7 एक अनौपचारिक समूह है। इस मामले पर किसी को भी आधिकारिक सहमति देने का अधिकार नही है। हम अपने दो लक्ष्यों को पाने के लिए कदम उठाना जारी रखेंगे। कल की चर्चा का परिणाम यह है कि हम कार्य करना जारी रखेंगे।”