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G-20 meeting

जापान में इस हफ्ते जी-20 सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, फ़्रांसिसी राष्ट्रपति एम्मानुएल मैक्रॉन और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात करेंगे। भारत में आम चुनावो के बाद उनकी सभी वैश्विक नेताओं से यह पहली मुलाकात होगी।

नरेंद्र मोदी रूस, चीन और भारत की एक अलग बैठक में भी भाग लेंगे और जापान-अमेरिका-भारत या जय के मंच में भी शरीक होंगे। जय की संस्थापना बैठक बीते वर्ष बुएनोस एरेस में बीते वर्ष हुई थी। जी-20 के सम्मेलन के इतर भारतीय नेता 10 द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होंगे। इसमें तुर्की के राष्ट्रपति  रिचप तैयब एर्डोगन भी शामिल है।

मोदी और ट्रम्प ने द्विपक्षीय बैठक पर सहमति जताई है। डोनाल्ड ट्रम्प चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जर्मन की चांसलर एंजेला मर्केल और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे। मोदी ट्रम्प की मुलाकात के लिए अभी कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है।

दोनों नेताओं की व्यापार पर बातचीत की सम्भावना है। ट्रम्प के एजेंडा में व्यापार सर्वोपरि होगा और अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि कई अन्य मामलो जैसे राज्य प्रत्यक्षित आर्थिक गतिविधि, आईपी खतरा, ट्रांसफर टेक्नोलॉजी और टैरिफ और गर शुल्क बाधाओं पर चर्चा की जा सकती है।

अधिकारी ने कहा कि “हमें यकीन है कि जी-20 अर्थव्यवस्थाओं को एडवांस, ओपन और फेयर एंड मार्किट पर आधारित डिजिटल नीतियों के लिए एकजुट होकर कार्य करने की जरुरत है। भारत के शेरपा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु होंगे। उनके मुताबिक भारत का ऊर्जा सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, बहुपक्षवाद में सुधार और डब्ल्यूटीओ में सुधार मुख एजेंडा होंगे।

जी-20 में एर्जेन्टीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको,रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीफा, दक्षिण कोरिया, तुर्की, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल है।  जी-20 की अर्थव्यवस्थाओं ने सकल विश्व में 90 फीसदी, वैश्विक व्यापार में 80 फीसदी, दो-तिहाई वैश्विक आबादी और इसमें विश्व में आधी जमीन है।

व्यापर जंग से चीन नुकसान पंहुचाने के बाद ट्रम्प के निशाने पर अब भारत है। इस महीने के शुरुआत में अमेरिका ने भारतीय उत्पादों के तरजीह वाले दर्जे को खत्म कर दिया था। अमेरिका ने इसकी प्रतिक्रिया पर अमेरिका के उत्पादों पर टैरिफ लागू कर दिया था।

सरकार ने बयान में कहा कि “जी-20 में भारत के लिए महत्वपूर्ण मामले ऊर्जा, सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, आपदा लचीले ढाँचे, बहुपक्षवाद में सुधार, डब्ल्यूटीओ में सधार, आतंकवाद पर कार्रवाई, आर्थिक भगोड़ो को वापस लाना, तकनीकों में लोकतंत्र और पोर्टेबल सामाजिक सुरक्षा स्कीम होंगे।”

 

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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