एर्जेंटिना में आयोजित आगामी जी-20 की बैठक के इतर भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और रुसी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। भारत और चीन के प्रमुखों की मुलाकात का ऐलान भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया है। इससे पूर्व नरेन्द्र मोदी जून में अनाधिकारिक वुहान यात्रा पर चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात करने गए थे, इसके आलावा बीते जुलाई में दोनों राष्ट्रों के नेताओं ने जोहेन्स्बर्ग में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी।
जी-20 सम्मेलन के बाबत मीडिया को बताते हुए विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने कहा कि जी-20 की दसवीं वर्षगाँठ पर सभी देशों के प्रतिनिधि पीछे दस साल में किये गए कार्यों के बाबत सूचना देंगे और अगले 10 वर्षों में पूरी होने वाली योजनाओं के बारे में भी बताएँगे।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में भारत केवल व्यापार मसले को नहीं उठाएगा चाहे वो देशों का हो या बहुपक्षीय हो। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संघठन में कैसे निरंतर सुधार किये जा सकते हैं, इस मुद्दें को भारत उठाएगा। यह न सिर्फ भारत के हितों की रक्षा करेगा बल्कि बहुपक्षीय स्तर पर कामयाब साबित होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमन्त्री की मुलाकात पर विजय गोखले ने कहा कि भारत आगामी सम्मेलन में कई द्विपक्षीय बैठकों पर कार्य कर रहा है। विदेश सचिव ने कहा कि नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के सचिव एंतानियों गुएतरेस, एर्जेंटिना के राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर के मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मक्रों और नरेन्द्र मोदी के बीच द्विपक्षीय मुलाकात आयोजित करने पर कार्य जारी है।
इस आयोजन की थीम: ‘सतत और निष्पक्ष विकास के लिए रजामंदी का विस्तार करना’ या बिल्डिंग कौन्सेन्सस फॉर फेयर एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट है। इस आयोजन को तीन भागों में विभाजीत किया गया है, पहला’ जनता पहला, दूसरा’ आम सहमती का विस्तार करना और तीसरा अवसरों को भुनाना है। भारत इसमें तेल की बढती कीमतों की चिंता को उठाएगा क्योंकि इससे सीधे भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। साथ ही कैसे डिजिटल आन्दोलन रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा, पर भी बातचीत की जाएगी।
प्रधानमन्त्री इस समारोह में भारत जन धन योजना, मुद्रा स्कीम, आयुष्मान भारत जैसे विशेष कार्यकर्मों के बाबत भी बतायेंगे।