बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को दावा किया कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मांझी ने कहा, “रामविलास पासवान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होना चाह रहे थे। इसे लेकर पासवान ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से कई बार बात भी की थी। इस बात पर जब लालू यादव ने मुझसे सुझाव लिया तो मैंने मना कर दिया।”
उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने खुद यह बात उनसे कही थी।
उन्होंने कहा, “लालू ने जब मुझसे पूछा था, तब मैंने कहा था कि पासवान के आने से महागठबंधन को कोई लाभ नहीं होगा।”
मांझी ने दावा किया कि इसके बाद पासवान का महागठबंधन में प्रवेश नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में आने की इच्छा का खुलासा किया था। बाद में हालांकि जद (यू) ने इसका खंडन किया था।
तेजस्वी यादव नें भी कहा था कि नीतीश कुमार नें महागठबंधन में आने की बहुत कोशिश की थी। उन्होनें कहा था कि नीतीश कुमार बिना कोई शर्त महागठबंधन के साथ जुड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गयी थी।
इस खुलासे के इस दौर में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी एक दिन पहले दावा किया था कि सीबीआई से बचने के लिए लालू प्रसाद ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और कहा था कि अगर उन्हें मदद मिलती है तो 24 घंटे के अंदर नीतीश कुमार का ‘इलाज’ कर देंगे।