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    जीएसटी

    जीएसटी या माल एवं सेवा कर के संग्रहण में गिरावट देखने को मिली है। वित्त मंत्रालय के अनुसार यह संग्रहण पिछले महीने के संग्रहण से भी कम रहा है।

    जीएसटी के संग्रहण के आंकड़ें :

    माल एवं सेवा कर का संग्रहण दिसंबर 2018 के महीने में केवल 94,726 करोड़ रूपए ही हो पाया। यह नवम्बर के 97,637 के कुल संग्रहण से भी कम है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 30 दिसंबर 2018 तक बिक्री रिटर्न या GSTR-3B की कुल संख्या 72.44 लाख है।

    एकत्र किए गए the 94,726 करोड़ में से, केंद्रीय जीएसटी संग्रह ,7 16,442 करोड़, राज्य जीएसटी संग्रह, 22,459 करोड़, एकीकृत जीएसटी संग्रह ,9 47,936 करोड़ और उपकर, 7,888 करोड़ है। सरकार ने सीजीएसटी को 40 18,409 करोड़ और नियमित निपटान के रूप में IGST से एसजीएसटी को 14,793 करोड़ रुपये दिए हैं, यह कहा

    सरकार की कितनी हुई आय ?

    वित्त मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों द्वारा दिसंबर में नियमित निपटान के बाद सीजीएसटी के लिए अर्जित कुल राजस्व, 43,851 करोड़ और एसजीएसटी के लिए 46,252 करोड़ रहा।

    पिछले महीनों के जीएसटी संग्रहण के आंकड़ें :

    वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल माह में कुल जीएसटी संग्रह 1.03 ट्रिलियन रहा था, इसके बाद मई माह में कुल संग्रह 94,016 करोड़, जून में 95,610 करोड़, जुलाई में 96,483 करोड़, अगस्त में 93,960 करोड़, सितंबर में, 94,442 करोड़, अक्टूबर में 1,00,710 करोड़ था और नवंबर में यह ₹ 97,637 करोड़ रहा है।

    जीएसटी के बारे में जानकारी :

    GST या वस्तु एवं सेवा कर को भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था। इसका लक्ष्य केन्द्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू करना था जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिले। इसके पांच विभिन्न स्लैब हैं।

    लेकिन इसका लोगों ने शुरुआत में बहुत आलोचना की। जब GST आया था तब इसके शुरूआती दिनों में यह विभिन्न राज्यों के VAT आदि पर आधारित था लेकिन समय समय पर बातचीत होने से इस व्यवस्था में सुधार हो रहा है एवं ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी आलोचना करने के बजाय इसे अपना रहे हैं।

    जीएसटी लॉन्च होने के बाद से, काउंसिल ने जुलाई 2018 की बैठक तक कई दरों में कटौती कर चुकी है। कुल मिलाकर, 384 वस्तुओं और 68 सेवाओं की दरें कम की गई, जबकि दर में वृद्धि एक बार भी नहीं की गयी है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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