Sun. Nov 17th, 2024
    जीएसटी, निर्यातक

    वित्त मंत्रालय ने इस नजरिए को एक सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि जुलाई 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद से निर्यात क्षेत्र की कार्यशील पूंजी में कमी आई है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि विभिन्न जीएसटी संबंधित लंबित शेष धनराशि (पेंडिंग रिफंड) 3,000 करोड़ रुपए से अधिक नहीं हो सकती है, जबकि दावा यह किया जा रहा है कि यह लंबित शेष राशि 50,000 करोड़ रूपए के करीब है।

    5 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित विदेश व्यापार नीति 2015-20 की मध्य-अवधि की समीक्षा बैठक के बाद मंत्रालय की ओर से यह स्पष्टीकरण सामने आया है। निर्यातक ग्रुप के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए वित्त सचिव हसमुख ​अधिया ने कहा कि जीएसटी सुधार में देरी के चलते निर्यातकों की ओर से ऐसे त्रुटिपूर्ण दावे सामने आए हैं। अधिया ने जोर देेते हुए कहा कि सरकार निर्यातकों के प्रति काफी संवेदनशील है।

    अधिया ने कहा कि निर्यातकों के लिए आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) और आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) रिफंडिंग की गति बढ़ रही है।
    इससे पहले एक प्रस्तुति के दौरान केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने 551 करोड़ रुपये के लंबित राशि में 451 करोड़ रुपये के दावों पर कार्रवाई की है।

    इस प्रजेंटेशन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि सरकार ने आईटीसी मोर्चे पर लगभग 1,900 करोड़ के लगभग 10,000 दावे प्राप्त किए हैं। अधिया के मुताबिक, जीएसटी के जरिए कर चोरी करना अब आसान नहीं रहा, इसकी आलोचना केवल अब विरोधियों द्वारा ही की जा रही है।

    धन वापसी को लेकर निर्यातकों के लिए वित्त सचिव अधिया के सुझाव…

    •  निर्यातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे जीएसटी स्लैब के तहत निर्धारित नियमों का पालन करें।
    • निर्यातकों के लिए सभी नियम सरकार ने आईसीईजीईएटी पोर्टल पर उपलब्ध कराई है। इस वेबसाइट के जरिए निर्यातक जीएसटी रिटर्न फाइल से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए कस्टम ​अधिकारियों से भी पूछताछ कर जानकारी हासिल की जा सकती है।
    • इनपुट टेक्स क्रेडिट की वापसी के लिए निर्यातक आईसीईजीईएटी पोर्टल पर प्रार्थना पत्र जारी कर सकते हैं।
    • इस प्रार्थना पत्र पर टैक्स रिटर्न फाइल करने का प्रमाणपत्र जीएसटीएन पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद यह रसीद प्रार्थना पत्र के साथ लगाकर न्यायिक क्षेत्राधिकारी के यहां जमा कर सकते हैं।

    हांलाकि वित्तीय सचिव अधिया के आश्वासन के बावजूद सभी निर्यातक खुश नहीं हैं। एक निर्यातक ने कहा कि, जिस प्रकार से वित्त सचिव अधिया हमें भरोसा दिला रहे हैं, इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर हमारा अनुभव कुछ अच्छा नहीं रहा है।