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    जीएसटी टैक्स रिटर्न फाइलिंग में इजाफा

    गुवाहाटी में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद व्यापारियों की ओर से जीएसटी टैक्स रिर्टन फाइलिंग में वृद्धि हुई है, हांलाकि जीएसटी लॉन्च होने के शुरूआती महीनों में कारोबारियों को रिटर्न फाइलिंग में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। देर से ही सही जीएसटी स्लैब अनुपालन तथा रिटर्न फाइलिंग अपनी पटरी लौटती दिखाई दे रही है।

    जीएसटी लॉन्चिग के बाद राज्यों के राजस्व में जो कमी आई थी, अब उसमें इजाफा होगा तथा सरकार को भी एक नई उम्मीद जगेगी जिससे वो जीएसटी टैक्स बेस का विस्तार करेगी जिससे पहले से अधिक राजस्व अर्जित किया जा सकेगा।

    जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में इजाफा

    फाइलिंग रिटर्न जीएसटी 3-बी में जुलाई के बाद के महीनों में बृद्धि हुई है। अगस्त के अंत तक कुल 34 लाख रिटर्न फाइल किए गए थे। जबकि सितंबर महीने में रिटर्न फा​इलिंग की संख्या 39.4 लाख से अधिक दिखी और अक्टूबर महीने में यह संख्या बढ़कर 43.7 लाख के करीब पहुंच गई।

    अक्टूबर माह की शेष रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 20 नवंबर रखी गई थी। इस दिन रिकॉडतोड़ 14.76 लाख रिटर्न फाइलिंग की गई। इस प्रकार जीएसटी कलेक्शन में धीरे-धीरे बृद्धि दिखाई दे रही है।  आप को जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त महीने के अंत तक जीएसटी पंजीकरण की संख्या 60 लाख को पारकर 11 करोड़ तक पहुंच गई।

    हांलाकि अभी भी बड़ी संख्या में लोग (लगभग 40 फीसदी) रिटर्न फाइलिंग नहीं कर रहे हैं, सरकार के लिए करदाताओं की यह संख्या चिंता का सबब बनन हुई है। फिलहाल हर महीने करदाताओं की संख्या में इजाफा जारी है। जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार का कहना है कि रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तारीख के दिन बढ़ती भीड़ और परेशानियों से बचने के लिए करदाताओं से पहले ही टैक्स जमा करने का आग्रह किया जाता है।

    उन्होंने कहा कि जुलाई के बाद के महीनों से जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में काफी बृद्धि हुई है। इसके पीछे दो कारण हैं, पहला धीरे-धीरे कारोबारी जीएसटी 3-बी से परिचित होते जा रहे हैं, दूसरा कारण यह है कि कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की तकनीकी समस्या से थोड़ी राहत मिली है।

    ईवाई टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन का कहना है कि, समय सीमा से रिटर्न दाखिल करने वालों और आखिरी तारीख को रिटर्न फाइल करने वालों की बीच की संख्या अभी 30 लाख है, ये भी सरकार के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। जीएसटी कांउसिंल रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को और आसान बनाने की कोशिश में लगी हुई है।

    बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अगुवाई में राज्य के वित्त मंत्रियों ने इंफोसिस से संपर्क कर जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की तकनीकी समस्या को समाप्त करने के लिए बातचीत की। मंगलवार को सरकार ने जीएसटीएन के अध्यक्ष अजय भूषण पांडे के अधीन एक 10 सदस्यीय समिति गठित की, जो कि चालू वित्त वर्ष में रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकताओं की जांच कर रही है।

    समीति में शामिल गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और आंध्र प्रदेश के टैक्स कमिश्नर 15 दिसंबर तक जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के नियमों, कानूनों और प्रारूपों में बदलाव अथवा संशोधन के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

    पंजाब में सबसे ज्यादा वृद्धि

    टैक्स फाइलिंग में जो वृद्धि हुई है, उसमे सबसे ज्यादा वृद्धि पंजाब राज्य में हुई है। आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में जीएसटीआर 3-बी के तहत लगभग 73 फीसदी लोगों ने टैक्स के लिये आवेदन किया है। यह भारत में अनेक राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है।