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    टूरिज्म सेक्टर पर जीएसटी का असर

    जीएसटी काउंसिल के फैसले से जहां एक ओर बड़े तथा छोटे कारोबारी खुश नजर आ रहे हैं वहीं टूरिज्म इंडस्ट्री को निराशा हाथ लगी है। दरअसल शुक्रवार को टूरिज्म इंडस्ट्री को लेकर काउंसिल ने जो फैसले लिए इससे इस सैक्टर की करीब 20 प्रतिशत नौकरियां प्रभावित होंगी। टूरिज्म इंडस्ट्री का कहना है कि सेक्टर की करीब 20 फीसदी नौकरियों पर जीएसटी फैसले का नाकारात्मक असर जल्द ही दिखेगा।

    आईएटीओ के प्रेसिडेंट प्रणब सरकार के मुताबिक जीएसटी के इस फसैले से टूरिज्म सेक्टर पूरी तरह से निराश है। सरकार का कहना है कि करीब 7500 रूपए से ज्यादा रेंट वाले होटलों को 28 फीसदी के स्लैब से घटाकर 18 फीसदी के स्लैब में लाया गया है। वैसे भी टैक्स रेट ज्यादा होने के चलते क्रिसमस और नए साल के लिए फाइव स्टार होटलों की बुकिंग कम ही हुई है।

    जीएसटी काउंसिल ने टूरिज्म को भले ही 18 फीसदी के स्लैब में डाल दिया हो लेकिन होटल वाले जीएसटी के बाद भी पैकेज के नाम 5 फीसदी टैक्स अलग से लेते हैं। इस प्रकार सर्विस टैक्स में पैकेज टैक्स जुड़ने के कारण टैक्स में काफी वृद्धि हो जाती है। जिसका नाकारात्मक असर इस व्यवसाय पर साफ देखने को मिल सकता है।

    टूरिज्म टैक्स स्ट्रक्चर पड़ोसी देशों के मुकाबले से बाहर

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि सिंगापुर, इंडोनेशिया,थाईलैंड, म्यामांर और मलेशिया जैसे देशों में टूरिज्म टैक्स 5 से 10 फीसदी के रेंज में है। इस प्रकार इंडियन टूरिज्म टैक्स स्ट्रक्चर महंगा होने के कारण पड़ोसी देशों के मुकाबले से बाहर हो चुका है। जीएसटी रेट महंगा होने के चलते टूरिज्म सेक्टर धीरे-धीरे घाटे का सौदा बनता जा रहा है।

    टूरिज्म सेक्टर की 20 प्रतिशत नौकरियां खतरे में

    पहले नोटबंदी और अब जीएसटी में महंगे टैक्स रेट के चलते टूरिज्म सेक्टर से जुड़े कारोबार तथा नौकरियां प्रभावित हो रही हैं।
    आईएटीओ प्रेसिडेंट प्रणब सरकार के मुताबिक यदि सरकार ने टैक्स रेट और कम नहीं किया तो आने वाले कुछ ही महीनों में टूरिज्म सेक्टर की करीब 20 फीसदी नौकरियों पर गाज गिर सकती है।

    आईएटीओ सर्वे के अनुसार देश के कुल रोजगार तथा जीडीपी में टूरिज्म सेक्टर की भागीदारी क्रमश: 9.2 फीसदी और 5.9 फीसदी है। आपको बता दें कि साल 2016 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से करीब 5.4 करोड़ लोग टूरिज्म सेक्टर में काम कर रहे हैं। ऐसे में जीएसटी काउंसिल के फैसले का असर निश्चित रूप से टूरिज्म सैक्टर के उन लोगों पर पड़ने वाला है जिन्हें प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।