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    खलीफा हफ्तार की नेशनल लिबयन आर्मी ने गुरूवार को एक जंगी विमान को मार गिराने का दावा किया था। यह लड़ाकू विमान संयुक्त राष्ट्र समर्थित गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड के थे। इन विमानों ने राजधानी त्रिपोली के मिसराता एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी।

    एलएनए की प्रेस सर्विस ने एक बयान में कहा कि “हमारी जाबांज सेना ने चरमपंथियों के लड़ाकू विमान को मार गिराया था जब वह तरहउन्ह शहर में हवाई हमले को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे। इसमें जहाज में सवार सभी क्रू सदस्यों की मौत हो गयी है।

    लीबिया अस्थिर राजनीतिक और आर्थिक हालातों से गुजर रहा है। लीबिया के तानशाह मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद मुल्क दो भागो में विभाजित हो गया था। एलएनए का पूर्वी लीबिया पर नियंत्रण है जबकि संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार जीएनए का त्रिपोली से पश्चिमी सीमा तक नियंत्रण है।

    अप्रैल में त्रिपोली पर कब्ज़ा करने के लिए खलीफा हफ्तार की सेना ने राजधानी पर हमला किया है जिसके बाद एलएनए और जीएनए के बीच जंग छिड़ गयी थी।

    लीबिया की राजधानी त्रिपोली में एक हिरासत केंद्र पर मार्शल खलीफा हफ्तार के प्रति निष्ठावान बलों के कथित हवाई हमले में कम से कम 40 प्रवासियों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए।

    इस संघर्ष में 90000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और 650 लोगो ने अपनी जान गंवाई है। इस तीव्र संघर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांतिपूर्ण समाधान की मांग की है। अफ्रीकी राष्ट्रों ने भी दोनों पक्षों से संयमता बरतने की मांग की थी।

    इस संघर्ष ने 75000 लोगो को पाने घर को छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया था और हज़ारो प्रवासी बंदी शिविरों में फंसे हुए हैं। इसके कारण स्कूल बंद हो गए हैं, परिवार बिछड़ गए हैं और बिजली काट दी गयी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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