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    रिलायंस जिओ

    टेलीकॉम के क्षेत्र में रिलायंस जियो ने अब एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। जियो ने रेलवे के लिए टेलीकॉम सुविधा उपलब्ध करवाने के एवज में सबसे कम बोली लगाते हुए रेलवे का यह अनुबंध अपने साथ जोड़ लिया है।

    इसके लिए रिलायंस जियो ने टेलीकॉम क्षेत्र में अपने चिर प्रतिद्वंदी एयरटेल और वोडाफोन को पीछे छोड़ा है।

    मालूम हो कि पिछले छः सालों से रेलवे कर्मचारियों को टेलीकॉम सुविधा उपलब्ध करने का जिम्मा एयरटेल के पास था। इसके तहत एयरटेल रेलवे के 3.78 लाख मोबाइल कनेक्शन के लिए अपनी सुविधा दे रहा था। जिसके लिए एयरटेल को सरकार से भुगतान मिल रहा था।

    इस बार रेलवे ने इसके लिए एक टेंडर जारी किया था, जिसके तहत जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया जैसे निजी टेलीकॉम कंपनियों के साथ में ही सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने भी आवेदन किया था। इसके लिए रिलायंस जियो ने सबसे कम कीमत की बोली लगाकर यह अनुबंध अपने नाम कर लिया है।

    जियो और रेलवे के बीच होने वाला नया अनुबंध 3 साल के लिए है। अब तीन साल तक जियो रेलवे कर्मचारियों को अपनी टेलीकॉम सुविधाए उपलब्ध कराएगा। इसके तहत अनुमान है कि रेलवे को सेवा के एवज़ में जियो को 100 करोड़ का भुगतान करना होगा।

    हालाँकि जियो ने रेलवे को अपनी सुविधाएं 30 प्रतिशत कम दामों में देने की बात कही है, इस तरह रेलवे को अब 30 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

    सूत्रों के मुताबिक रिलायंस जियो रेलवे को पिछले ऑपरेटर की तुलना में 30 प्रतिशत कम दामों पर टेलीकॉम सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

    इस टेंडर के तहत रेलवे ने इस महीने की शुरुआत में ही बोली का आयोजन किया था। रेलवे की टेंडर कमेटी ने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि बोली और टेंडर के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती जाये।

    अभी तक एयरटेल रेलवे को टेलीकॉम सुविधाएं उपलब्ध करा रही थी। रेलवे के साथ एयरटेल के अनुबंध को तीन साल के लिए बढ़ाया गया था। बढ़े हुए अनुबंध की अवधि इसी महीने समाप्त हो रही है।

    रेलवे ने अपने अनुबंध में परिवर्तन करते हुए टेलीकॉम कंपनियों से 3जी/4जी नेटवर्क की सुविधा की माँग की थी, जबकि पिछले टेंडर में रेलवे ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को 2जी/3जी सुविधा देने के लिए कहा था।

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