रिलायंस के रिटेल व्यवसाय और रिलायंस जियो ने संयुक्त रूप से मिलकर बिक्री के मामले में रिलायंस के पेट्रोकेमिकल व्यवसाय को पीछे छोड़ दिया है।
गौरतलब है कि जून 2015 में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के मुखिया मुकेश अंबानी ने यह भविष्यवाणी की थी कि रिटेल और टेलीकॉम सेक्टर कंपनी के व्यवसाय को एकदम नयी दिशा देंगे। इसी के 3 साल बाद रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो ने संयुक्त रूप से रिलायंस के पेट्रो-केमिकल व्यवसाय को पीछे छोड़ दिया है।
इसी के साथ जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए रिलायंस के रिटेल, टेलीकॉम व मीडिया व्यवसायों ने संयुक्त रूप से 44,615 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया है। जबकि रिलायंस के पेट्रो-केमिकल व्यवसाय ने इस तिमाही के दौरान 43,745 करोड़ रुपये के राजस्व की घोषणा की है।
वहीं रिलायंस की रिफाइनिंग व मार्केटिंग व्यवसाय यूनिट ने इस तिमाही में सबसे अधिक 98,760 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की घोषणा की है।
मालूम हो कि रिलायंस जियो के राजस्व में 52 प्रतिशत की बढ़त दर्ज़ की गयी है, जबकि रिलायंस के रिटेल व्यवसाय ने इस दौरान 121 प्रतिशत की बढ़त के राजस्व इकट्ठा किया है। इसी के साथ रिलायंस के पेट्रो-केमिकल व्यववसाय ने 56 प्रतिशत का विकास किया है।
रिलायंस ने इस तिमाही में कुल 1.56 हज़ार अरब रूपये का राजस्व इकट्ठा किया है। पिछले साल इसी तिमाही में यही आंकड़ा 1.01 हज़ार अरब रुपये था। इस तरह से एक साल में रिलायंस के राजस्व में 54.5 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
मालूम हो कि रिलायंस जियो का राजस्व 52 प्रतिशत बढ़ कर 10,942 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।
रिलायंस रिटेल के राजस्व में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है, इसके चलते रिलायंस जियो के रिटेल व्यवसाय ने 32,436 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया है।
इसी के साथ रिलायंस अब खाद्य सामग्री, कपड़े और बिजली उपकरण जैसे व्यवसाय पर भी अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। मालूम हो कि भारत जैसे देश में ग्राहक इन्ही वस्तुओं पर सबसे अधिक धन खर्च करते हैं।
अभी कुछ दिन पहले ही रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी ने अपनी इस कामयाबी के लिए अपने बेटे आकाश और अपनी बेटी ईशा को प्रेरणाश्रोत बताया था।