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    एयरटेल जिओ

    सितंबर 2016 में जियो के आ जाने के साथ ही भारत के टेलीकॉम बाज़ार में आया भूचाल अभी तक थमा नहीं है। देश में उस समय की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल को जहाँ तब से लगातार घाटा उठाना पड़ा है, वहीं आइडिया और वोडाफोन को नुकसान के चलते आपस में विलय करना पड़ गया।

    ऐसे में जियो से हर तिमाही के आंकड़ों के साथ ही पिछड़ती जा रही एयरटेल अब जियो से मुक़ाबला करने के लिए एक नयी रणनीति लेकर आ रही है।

    अपनी इस रणनीति के तहत अब एयरटेल अपने ग्राहकों की संख्या को कम करने की दिशा में आगे बढ़ती हुई नज़र आएगी। अपनी इस रणनीति के तहत एयरटेल उपभोक्ताओं की संख्या घटा कर अपनी सेवाओं के स्तर को सुधारना चाहती है।

    अपनी इस रणनीति के तहत एयरटेल ने अपने उन ग्राहकों को छोडने का फैसला किया है जो एक महीने में 35 रुपये से कम का रीचार्ज कराते हैं। इसके तहत अब एयरटेल उन ग्राहकों की सेवा में आगे बढ़ेगी, जिन ग्राहकों से एयरटेल को अच्छा राजस्व प्राप्त होता है।

    विशेषज्ञों का मानना है की एयरटेल की यह रणनीति उसे फायदा पहुँचा सकती है। मालूम हो कि बाज़ार में जियो के साथ प्रतिस्पर्धा शुरू होने के साथ ही एयरटेल ने पिछले 2 सालों में अपने राजस्व और मुनाफे में बामुश्किल इजाफा देखा है।

    इस जुलाई से सितंबर माह की तिमाही में एयरटेल का मुनाफा 119 करोड़ रुपये था, जबकि उसका राजस्व इस दौरान 3.6 प्रतिशत घटकर 14,920 करोड़ रुपये पहुँच गया है।

    भारती एयरटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल विट्ठल ने शुक्रवार को कहा है कि “हमारे पास 33 करोड़ मोबाइल ग्राहकों का नेटवर्क है, लेकिन अगर आप गौर करोगे तो उनमें से 10 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनसे हमें बहुत कम राजस्व मिलता है।”

    एयरटेल ने अपनी रणनीति के तहत अब अपने न्यूनतम रीचार्ज प्लान को बढ़ाकर 35 रुपये करने का फैसला किया है।

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