आईआईटी कानपुर से शायर फैज अहमद फैज के नज्म ‘हम देखेंगे’ पर उठे विवाद पर गीतकार जावेद अख्तर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि फैज अहमद फैज को हिंदू विरोधी कहना इतना बेतुका और मजाकिया है कि इसके बारे में गंभीरता से बात करना भी मुश्किल है।
जावेद अख्तर ने कहा कि, फैज अहमद फैज ने अपना आधा जीवन पाकिस्तान से बाहर बिताया है। वहां उन्हें पाकिस्तान विरोधी कहा जाता है। ‘हम देखेंगे’ नज्म फैज ने जियाउल हक की सांप्रदायिक, प्रतिगामी और कट्टरपंथी सरकार के विरोध में लिखा था।
#WATCH Javed Akhtar:Calling Faiz Ahmed Faiz 'anti-Hindu' is so absurd&funny that its difficult to seriously talk about it.He lived half his life outside Pakistan,he was called anti-Pakistan there.'Hum Dekhenge' he wrote against Zia ul Haq's communal,regressive&fundamentalist Govt pic.twitter.com/nOtFwtfjQ9
— ANI (@ANI) January 2, 2020
ज्ञात हो, नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में जामिया छात्रों ने प्रदर्शन किया था। जिसके बाद छात्रों के खिलाफ पूलिस कार्रवाई के विरोध में देश भर के विश्वविद्यालयों के छात्र जामिया के छात्रों के समर्थन में आ गए थे। 17 दिसंबर को आईआईटी कानपुर के छात्रों ने भी जामिया में की गई पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया था।
इस दौरान छात्रों ने फैज अहमद फैज की नज्म ‘हम देखेंगे’ गाई थी। जिसको लेकर कुछ प्रोफेसरों ने आपत्ति दर्ज की थी और प्रबंधन से नज्म के हिंदू और राष्ट्र विरोधी होने की शिकायत की थी।
मामले की जांच के लिए आईआईटी कानपुर में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस बात पर फैसला करेगी कि यह नज्म राष्ट्र और हिंदू विरोधी है या नहीं। समिति को 15 दिनों के अंदर जांच पुरी समाप्त कर उसकी रिपोर्ट आईआईटी निदेशक को देनी होगी।