विषय-सूचि
जावा ऑपरेटर्स (Operators in java in hindi)
ऑपरेटर्स ऐसे चिन्ह होते हैं, जो जावा इंटरप्रेटर को विशिष्ट गणितीय या तार्किक प्रक्रिया करने के लिए सूचना देते हैं। चूँकि इन चिन्हों का इस्तेमाल वेरिएबल्स को ऑपरेट करने हेतु किया जाता हैं, इसलिए इन्हें ऑपरेटर्स कहा जाता हैं।
जावा ऑपरेटर्स के प्रकार (Types of java operators in hindi)
- अरीथमॅटिक ऑपरेटर
- रिलेशनल ऑपरेटर
- लॉजिकल ऑपरेटर
- असाइनमेंट ऑपरेटर
- युनरी ऑपरेटर
- टर्नरी ऑपरेटर
1. अरीथमॅटिक ऑपरेटर (Arithmetic Operator)
अरीथमॅटिक ऑपरेटर्स का इस्तेमाल ओपेरंड्स(वेरिएबल्स, जिनपर ऑपरेशन किया जाना हैं उन्हें ओपेरंड्स कहा जाता हैं) पर आसान अंक-गणितीय प्रक्रिया करने हेतु किया जाता हैं।
अनुक्रम | ऑपरेटर | उपयोग |
1 | + | जोड़ना |
2 | – | घटाना |
3 | * | गुणन |
4 | / | विभाजन |
5 | % | मोड्यूलस |
उदाहरण-
class Add
{ public static void main(String args[])
{ int a, b,c;
int a=10;
int b==20
int c=(a+b);
System.out.println(“Addition”+c);
}
}
2. रिलेशनल ऑपरेटर(Relational Operator)
रिलेशनल ऑपरेटर्स का इस्तेमाल दो या अधिक वेरिएबल्स के बीच संबंधों को जांचने के लिए किया जाता हैं, जैसे की- से बड़ा, से कम, समान इत्यादी। रिलेशनल ऑपरेटर्स का इस्तेमाल अधिकतर लूपिंग स्टेटमेंट्स या इफ-एल्स कण्ट्रोल स्ट्रक्चर में किया जाता हैं।
अनुक्रम | ऑपरेटर | उपयोग |
1 | < | से कम |
2 | <= | से कम या समान |
3 | == | समान या से बराबर |
4 | > | से अधिक |
5 | >= | से अधिक या समान |
6 | != | समान नहीं |
उदाहरण-
class Add
{ public static void main(String args[])
{ int a=10;
Int b=25;
If(a<b)
{ System.out.println(“A is smaller than B”):
}
else
{ System.out.println(“B is greater than A”);
}
}
}
3. लॉजिकल ऑपरेटर्स (logical operator)
लॉजिकल ऑपरेटर्स का इस्तेमाल, logical AND और logical OR इन ऑपरेशन्स को करने के लिए किया जाता हैं, जोकि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स के AND गेट और OR गेट से सम्बंधित हैं। आपको बतादे, अगर पहली कंडीशन गलत हो जाती हैं, तो आप लूप के बाहर आ जाएँगे, इसका मतलब दूसरी कंडीशन चेक नहीं की जाएगी।
अनुक्रम | ऑपरेटर | उपयोग |
1 | || | OR(लॉजिकल ऑर) |
2 | && | AND(लॉजिकल एंड) |
3 | ! | NOT(लॉजिकल नॉट) |
4. असाइनमेंट ऑपरेटर (Assignment operator)
असाइनमेंट ऑपरेटर का इस्तेमाल वेरिएबल को वैल्यू असाइन करने के लिए किया जाता हैं। आम तौर पर वेरिएबल के दाईं ओर लिखी वैल्यू, बाईं तरफ लिखे वेरिएबल में स्टोर की जाती हैं।
असाइनमेंट ऑपरेटर(=) के साथ किसी भी अरीथमॅटिक ऑपरेटर का इस्तेमाल किया जा सकता हैं। जैसे की,+=, -=, *=, /= इत्यादि
5. युनरी ऑपरेटर्स (Unary Operator)
युनरी ऑपरेटर का इतेस्माल, सिर्फ एक ऑपरेंड को ऑपरेट करने हेतु किया जाता हैं। मुख्य रूप से इसे वैल्यू बढ़ाने या फिर घटाने के लिए किया जाता हैं।
युनरी ऑपरेटर्स के प्रकार:
इन्क्रीमेंट ऑपरेटर (Increment Operator)
- प्री-इन्क्रीमेंट ऑपरेटर-
युनरी ऑपरेटर के इस प्रकार में ऑपरेंड की वैल्यू पहले एक से बड़ा दी जाती हैं और उसके बाद प्रक्रिया की जाती हैं। चूँकि यह वृद्धि प्रक्रिया करने के पूर्व बढ़ा दी जाती हैं इसलि, इसे प्री-इन्क्रीमेंट ऑपरेटर कहा जाता हैं।
- पोस्ट इन्क्रीमेंट ऑपरेटर-
पोस्ट इन्क्रीमेंट ऑपरेटर में पहले प्रक्रिया की जाती हैं, फिर आए हुए समाधान की वैल्यू एक अंक से बढ़ा दी जाती हैं। चूँकि यह वृद्धि प्रक्रिया के बाद की जाती हैं इसलिए, इसे पोस्ट इन्क्रीमेंट ऑपरेटर कहा जाता हैं।
डीक्रेमेंट ऑपरेटर (Decrement operator)
- प्री- डीक्रेमेंट ऑपरेटर-
युनरी ऑपरेटर के इस प्रकार में ऑपरेंड की वैल्यू पहले एक से घटा दी जाती हैं और उसके बाद प्रक्रिया की जाती हैं। चूँकि यह घटाव, प्रक्रिया करने के पहले की जाती हैं इसलि, इसे प्री-डीक्रेमेंट ऑपरेटर कहा जाता हैं।
- पोस्ट डीक्रेमेंट ऑपरेटर-
पोस्ट डीक्रेमेंट ऑपरेटर में पहले प्रक्रिया की जाती हैं, फिर आए हुए समाधान की वैल्यू एक अंक से घटा दी जाती हैं। चूँकि यह घटाव, प्रक्रिया के बाद की जाता हैं इसलिए, इसे पोस्ट डीक्रेमेंट ऑपरेटर कहा जाता हैं।
उदाहरण-
public class operators { public static void main(String args[]) { int a=10,b=20,e=30; c=b; System.out.println(“Value of C=”+c) a=a+1; b=b-1; e=e*2; System.out.println(“a,b,e=”+a”,”+b+”,”+e); //shorthand assignment operator a+=1; b-=1; e*=2; System.out.println(“a,b,e(suing shorthand operators)+”+a”,”+b”,”+e); } } |
6. टर्नरी ऑपरेटर(Ternary operator)
टर्नरी ऑपरेटर, इफ-एल्स कण्ट्रोल स्ट्रक्चर का शोर्टहैण्ड संस्करण हैं, इसका इस्तेमाल इफ-एल्स स्ट्रक्चर के पर्याय के रूप में किया जाता हैं। टर्नरी ऑपरेटर में कंडीशन के साथ दो केस भी पास किए जाते हैं, अगर कंडीशन ट्रू होती हैं, तो पहले केस(स्टेटमेंट) को प्रिंट किया जाता हैं और अगर कंडीशन फॉल्स हो तो दूसरा केस(स्टेटमेंट) को प्रिंट किया जाता हैं।
सिंटेक्स-
Conditional_express?expression1:expression2;
उदाहरण
public class operators
{
public static void main(String[] args)
{
int a = 20, b = 10, c = 30, result;
result = ((a > b) ? (a > c) ? a :
c : (b > c) ? b : c);
System.out.println(“Max of three numbers = “+result);
}
}
जावा ऑपरेटर से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।
Java mein = and == mein difference kya hota hai or inke kon kon se functuons hote hain inme se assignment operator konsa hai?
= को असाइनमेंट ऑपरेटर कहा जाता हैं और उदाहरण- a=12 तो इसमें 12 यह वैल्यू a इस वेरिएबल को असाइन की जाती हैं. == इस ऑपरेटर को तुलना करने के लिए किया जाता हैं उदाहरण- a==12 तो इसमें a की वैल्यू और 12 की तुलना की जाती हैं .
nice .
missing of special operators