अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद और वरिष्ठ सलाहकार जारेड कुशनर ने इजराइल-फिलिस्तीन शांति योजना का समर्थन करने के लिए इजराइल की यात्रा पर गए हैं। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गठबंधन सरकार के गठन करने में असफल होने के बाद इजराइल में राजनीतिक अराजकता का दौर जारी है।
जारेड कुशनर मध्य पूर्व के आखिरी चरण की यात्रा में हैं। हाल ही में बहरीन की राजधानी मनामा में अमेरिकी अध्यक्षता में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमे इजराइल-फिलिस्तीन शान्ति योजना पर बातचीत की गयी थी। यह वर्कशॉप कथित “डील ऑफ़ द सेंचुरी” के तहत आयोजित की गयी थी।
इसमें ट्रम्प प्रशासन ने संघर्ष के राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा नहीं की थी बल्कि वह अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहन देना चाहते हैं। शान्ति प्रस्ताव का फिलिस्तीन नेतृत्व ने विरोध किया है। उन्होंने मनामा सम्मेलन के बाबत विमर्श नहीं किया है और वहां संघर्ष के मूल राजनीतिक मुद्दों को सम्बोधित नहीं किया जायेगा। इसमें सीमा को तय करने, येरुशलम का स्टेटस और फिलिस्तीनी शरणार्थी है।
फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद शतेयह ने बीते हफ्ते कहा था कि “फिलिस्तीन संघर्ष का कोई भी समाधान राजनीतिक होना चाहिए और यह अधिगृहण पर आधारित होना चाहिए।” इजराइल में एक माह पूर्व चुनाव हुए थे और बीते रोज बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी सरकार का गठन करने में असफल रही थी और इसने देश को राजनीतिक अराजकता के चंगुल में जकड़ लिया है।
नए सिरे से राजनीतिक चुनावो का आयोजन 17 सितम्बर में होगा और अगली सरकार का अक्टूबर से पहले गठन होना असंभव है। राजनीतिक विश्लेषक हानि अल मसरी के मुताबिक, कुशनर ऐसे वक्त में इजराइल की यात्रा पर आये हैं जब संसद को भंग कर दिया गया है। इजराइल के चुनावो का आयोजन सितम्बर में होने का मतलब कुछ अधिक महीनो के लिए शान्ति योजना को होल्ड पर रखना है।”