जापान के प्रधानमन्त्री शिजो आबे का गठबंधन 21 जुलाई को आयोजित राज्य सभा के चुनावो में जीत के ट्रैक पर है और उनका पसिफिस्ट संविधान को बहाल करने का सपना अभी भी जीवित है, अगर पर्याप्त सहयोगी भी जीत गए। शनिवार को एक एक सर्वे में बात बताई गयी है।
आबे की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमितो की 63 से आधिक सीट जीतने की सम्भावना है और 124 पर जापान में चुनावो का आयोजन होगा। इस पोल को क्योडो न्यूज़ एजेंसी ने आयोजित किये थे। वह 77 से अधिक सीटो को जीत सकते हैं।
अन्य सर्वे के मुताबिक भी आबे की गठबंधन पार्टियों के दोबारा चुनावो पर बहुमत से सीटो पर चुनाव जीतने के अच्छे मौके हैं। बहरहाल, मतदाताओं का निर्णय अभी अंतिम नहीं है और परिणाम में परिवर्त भी हो सकता है। राज्य सभा के चुनाव जापान में हर तीन वर्षों में होता है और सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों में आयोजित होता है।
एलडीपी ने साल 2013 प्रचंड बहुमत से चुनावो को जीता था लेकिन साल 2016 में चुनावो में जीत का भय था। बीते वर्ष के चुनावो में उपर हाउस में सीटो की संख्या में वृद्धि हुई थी जो तीन बढ़कर 245 हुई थी।
इस बात पर ध्यान आकर्षित रहेगा की क्या हुक्मरान सरकार दो-तिहाई बहुमत दोबारा हासिल कर सकती है जो शान्ति युद्ध के बाद शांतिवादी संविधान की कामना रखते हैं। यह शिंजो आबे का लम्बे समय का लक्ष्य है।
आबे ने रेखांकित किया कि जापान की सुरक्षा सेना को भी पोस्ट वॉर संविधान को वैध करार देना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स ने कहा कि “दो तिहाई बहुमत के लिए सुधार समर्थक सेना को 85 से अधिक सीट जीतनी होंगी। किसी भी संवैधानिक सुधार को मंज़ूरी के लिए दोनों सांसदों में दो तिहाई बहुमत और सार्वजानिक जनमतसंग्रह में बहुमत चाहिए होता है।