जापान के अगले वित्तीय वर्ष तक रक्षा बजट 47 अरब डॉलर की वृद्धि होगी। जापानी सरकार ने शुक्रवार को कहा कि चीन को चुनौती देने के लिए वह मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदेगी और स्टील्थ जेट विमानों को तैनात करेगी। यह रक्षा निवेश 101.46 ट्रिलियन जापानी येन राष्ट्रीय बजट का एक भाग है, जो अप्रैल 2019 के वित्तीय वर्ष के तक मान्य है। शिंजो आबे की कैबिनेट ने इसे मंज़ूरी दे दी है।
रक्षा बजट में वृद्धि
जापान की योजनाके तहत वह 45 लॉक्ड मार्टिन कोर्प एफ -35 स्टील्थ फाइटर खरीदना चाहता है, जिनकी कीमत चार अरब डॉलर हैं। इस रकम का एक हिस्सा जापान अपने पहले युद्धपोत पर करेगा,जो जापान के समक्ष दूसरे विश्व युद्ध से हैं।
जापान ने पहले पांच वर्षों की रक्षा योजना का ऐलान मंगलवार को कर दिया था। साल 2024 तक के इस कार्यक्रम में जापान नौसेना के दो विशाल विमान आइज़ुमो और कागा को विस्तार करेगा।
सरकार का पक्ष
आबे की सरकार ने तर्क दिया कि क्षेत्र की रक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए यह प्रयास जरुरी था। उन्होंने कहा कि हमने चीन और रूस के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के महत्व को पहचाना है, जो क्षेत्रीय व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
इसमें उत्तर कोरिया के साथ तनाव और चीन की सैन्य विस्तार के कारण यह कदम उचित है। जापान का यह कदम विवादित है, जापान के आलोचकों के मुताबिक इस कदम से जापान दूसरे विश्व युद्ध में की गयी अपनी प्रतिबद्धताओं से दूर हो जायेगा। चीन ने जापान के इस रक्षा ऐलान पर असंतुष्टा और आलोचनात्मक प्रतिक्रिया जाहिर की है।
डोनाल्ड ट्रम्प और शिंजो आबे के मध्य भी व्यापार को लेकर तल्खियाँ चल रही है, रक्षा बजट में वृद्धि से जापान अमेरिका की नाराज़गी को भी दूर कर देगा। जानकारों के मुताबिक जापान ने एक तीर से दो निशाने लगाने का रेस किया है, झालंकी इसकी सफलता पर अभी संदेह जारी है।
व्यापार युद्ध का भय
एफ 35 विमान के आर्डर से अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार युद्ध में भी कमी आएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जापानी कार के आयात पर शुल्क लगाने की धमकी दी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने इन विमानों को खरीदने के लिए शिंजो आबे का धन्यवाद किया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कई बार टोक्यो और वांशिगटन के मध्य विशाल व्यापार घाटे की आलोचना की है।
ख़बरों के मुताबिक जापान ने आगामी पांच वर्षों में सैन्य उपकरणों पर 224.7 अरब डॉलर के निवेश करने की योजना बनाई है। जो पिछले पांच सालों की योजना से 6.4 प्रतिशत अधिक है। जापान रक्षा में अपनी जीडीपी का मात्र एक फीसदी निवेश करता है, लेकिन जापान की आर्थिक स्थिति के कारण उसकी सैन्य क्षमता विश्व में सबसे विशाल में से एक है।