जापान के समक्ष सुरक्षा चुनौतियों के कारण वह आगामी पांच वर्षों में अपनी सैन्य क्षमता में वृद्धि कर सकता है। निक्की बिज़नेस रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा चुनौतियों और अमेरिका के साथ जापान के व्यापार सरप्लस को कम करने के लिए, अमेरिका से उपकरण खरीद सकता है।
जापान का रक्षा मंत्रालय अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक 240 अरब डॉलर निवेस करने पर विचार कर रहा है, यह निवेश प्रतिवर्ष औसतन 1.1 प्रतिशत से बढेगा। हालांकि इस रिपोर्ट में कोई अधिकारिक स्त्रोत नहीं है। अभी जापान रक्षा का 80 फीसदी कर्मियों और उपकरणों में खर्च करता है। नईं नीति के तहत यह खर्च अन्य खर्चों से अलग होगा ताकि अमेरिका से रक्षा उपकरण खरीदना आसन हो जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य दिसम्बर तक खर्च के लिए जापान को कैबिनेट से मंज़ूरी लेनी होगी। जापान के रक्षा मंत्रालय ने अभी इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिकी निर्मित उपकरणों को खरीदने से जापान और अमेरिका के मध्य व्यापार तनाव कम होने के आसार बढ़ जायेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जापान पर अमेरिका के रक्षा उपकरण सहित उत्पादों की खरद में वृद्धि करने के लिए दबाव बना रहे हैं। जापान को भय है कि टोक्यो के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए कही अमेरिका उनके आयातित माल पर अतिरिक्त शुल्क में वृद्धि न कर दे।
जापान के रक्षा विभाग ने बीते अगस्त में 5.3 खराब येन खर्च करने की योजना बनायीं थी ताकि उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब दिया जा सके। उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता से मुकरने के कारण टोक्यों को मिसाइल हमले का खतरा है।
जापान के प्रधानमन्त्री शिंजो आबे ने सेना को उत्तर कोरिया के मिसाइल हमले और चीन की वायु और जल प्रभुत्व को बढ़ने का जवाब देने को तत्पर रहने का आदेश दिया है। उत्तर कोरिया के मिसाइल निर्माण और परमाणु हथियार के निर्माण को रोकने के वाडे के बावजूद जापान भयभीत है।