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    जापान (Japan) में इस सप्ताहांत आयोजित जी-20 (G-20) की मुलाकात में व्यापार पर चिंता और तेल अपना प्रभुत्व कायम रखेंगे। अमेरिका और चीन के नेताओं के बीच मुलाकात आकर्षण का केंद्र होगा। दोनों देशों के बीच लम्बे समय से व्यापार युद्ध चल रहा है।

    डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग सात महीनो में पहली बार मुलाकात करेंगे और विश्व की दो आर्थिक महाशक्तियां बिगड़ते संबंधों पर चर्चा करेंगे। मई में दोनों मुल्कों के बीच व्यापार युद्ध पर बातचीत का सिलसिला थम गया था। फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन  के एलीसी दफ्तर से एक अधिकारी ने कहा कि “सिनो-अमेरिकी व्यापार संघर्ष बेहद गंभीर है लेकिन इसे एक पहुपक्षीय संस्था की मेज़बानी में नहीं होना चाहिए था।

    ट्रम्प एक सप्ताह में ही ओसाका पहुंच जाएंगे। मध्य पूर्व में तेल टैंकरों पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में उछाल आया है। रूस और सऊदी एरान के नेता भी जी-20 के सदस्य है और शुक्रवार से शुरू हो रहे इस आयोजन में शरीक होंगे। 1-2 जुलाई को तेल सप्लाई पॉलिसी पर चर्चा के लिए ओपेक की बैठक होनी है।

    ट्रम्प और शी ने बीते हफ्ते टेलीफोन पर बातचीत कर ओसाका में मुलाकात पर सहमति जाहिर की थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर लाखों का लगाया था।

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “शानिवार को ट्रम्प और शी की मुलाकात होने की सम्भावना है। जहां बीजिंग के मत को देखने की सम्भावना है और वह सभी परिणामो के साथ संतुष्ट है।”

    बीजिंग ने अआरोप लगाया कि अमेरिका की मांग है कि चीन की सम्प्रभुता के उललंघन के बदले वह आर्थिक सुधार करने को तैयार है। चीनी अधिकारी ने कहा कि “व्यापार युद्ध के प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है और वह समझौते करने के लिए कोई जल्दबाज़ी में नहीं है।”

    चीनी कॉमर्स मिनिस्ट्री एकडमी ऑफ़ इंटरनेशनल ट्रेड एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन के विशेषज्ञ लिआंग मिंग ने कहा कि “अभी हम महसूस करते हैं कि अमेरिका के पक्ष से अधिक हमारे पास स्टैमिना है।”

    ट्रम्प और शी ने बीते वर्ष दिसंबर में बुएनोस एरेस में मुलाकात की थी। आगामी वार्ता में चीन की टेलीकॉम कंपनी हुआवेई पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाबत भी बातचीत की जा सकती है।

    भारत ,जापान, मेक्सिको और यूरोपी संघ राष्ट्रों के साथ भी ट्रम्प प्रशासन के व्यापार से सम्बंधित मसले हैं। जापानी सरकारी अधिकारी ने कहा कि “इसलिए एक अंतिम मसौदा बनाने में मुश्किल हो रही है जिस पर सभी 20 सदस्य सहमति जताये।” मुक्त व्यापार का प्रचार यानी मज़बूत वैश्विक वृद्धि को हासिल करना है।

    बीते वर्ष सम्मेलन में ट्रम्प प्रशासन के दबाव में जी-20 ने एक वाक्ये को हटा दिया था जिसमे संरक्षणवाद की जरुरत का अवरोध करने की मांग की गयी थी। कुछ यूरोपीय संघो ने इस वर्ष संरक्षणवाद की नीतियों को फ़ैलाने के खिलाफ चेतावनी देने की मांग की थी।

    व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि “ट्रम्प विश्व के आठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसमें सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, तुर्की के राष्ट्रपति और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल है ताकि ईरान पर प्रतिबंधों के समर्थन को जीत सके।” जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे जी-20 सम्मेलन में विश्व व्यापार संघठन में सुधार, महिला कर्मचारियों का सशक्तिकरण और समुन्द्रो में कचरे की कमी पर फोकस करना चाहते हैं।

    जापानी अधिकारी ने कहा कि “यहां ऐसे कई टॉपिक्स है जिस पर सभी राज़ी नहीं होंगे। शायद कचरे की कमी वाले टॉपिक का कोई विरोध न करे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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