जापान ने टोक्यो और ओसाका में कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए सैन्य चिकित्सकों और नर्सों की सहायता ली है। ओलंपिक खेलों से दो महीने पहले संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने और टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
टोक्यो ओलंपिक कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं जापानी प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा टोक्यो में ओलंपिक खेलों का आयोजन कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्होंने जुलाई के अंत तक देश के 3.6 करोड़ बुजुर्गों का टीकाकरण पूरा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
जापान में हो रहा प्रदर्शन
मालूम हो कि अधिकतर नागरिकों का टीकाकरण नहीं होने और लोगों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के कारण जापान में प्रदर्शन बढ़े हैं और 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक खेल को रद्द करने की मांग भी उठ रही है। सुगा के नेतृत्व वाली सरकार ने अप्रैल के आखिर से बार-बार देश में आपात स्थिति की अवधि और क्षेत्र को बढ़ाया है और वायरस से जंग के अपने प्रयासों को और सख्त किया है।
ओलंपिक के आयोजन में दो महीने बचे हैं और जापान ने कोरोना के खिलाफ अपने टीकाकरण अभियान को और तेज कर दिया है। सेना के डाक्टरों और नर्सों को भी इस मुहिम में लगा दिया गया है। टोक्यो में तो एक सुमो स्टेडियम को भी टीकाकरण केंद्र बना दिया गया है। इस स्टेडियम का इस्तेमाल ओलंपिक में मुक्केबाजी केंद्र के रूप में होना है। सुमिदा वार्ड में स्थित इस क्षेत्र में 25 प्रतिशत लोग 65 की उम्र से ज्यादा है। सोमवार को 759 आवेदनों में से 230 का चयन किया गया।
23 जुलाई से टोक्यो में होना है ओलंपिक का आयोजन
जापान इस समय कोविड-19 की चौथी लहर से जूझ रहा है। इस साल होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक के आयोजन को लेकर घरेलू स्तर पर विरोध भी हो रहा है। दो नए ओपिनियन में दर्शाया गया है कि 60 प्रतिशत और 80 प्रतिशत जनता इस मत में है कि या तो ओलंपिक को टाल दिया जाए या फिर इन्हें रद्द कर दिया जाए। पिछले साल कोरोना के कारण ही ओलंपिक खेलों को इस साल के लिए स्थगित किया गया था। बार-बार यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या ओलंपिक का आयोजन संभव हो पाएगा और हर बार जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) इस बात पर जोर देती आई है कि ओलंपिक का कार्यक्रम पूर्ववत रहेगा।