जापान के ओसाका शहर में शुक्रवार को एक बिल्डिंग को आग ने अपनी चपेट में के लिया। लोकल मीडिया के अनुसार 27 लोगों के मारे जाने के अनुमान है, जिसमे से १० महिलाएँ है। जापान सरकार ने अब तक कितने लोगो की इस घटना के कारण जान गई है, उसकी पुष्टि नहीं करी है । रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर लोगों की मौत का कारण दम घुटना था। इनमें से अधिकतर लोग वो है जो मानसिक रोग क्लिनिक में इलाज के लिए गए थे। आग किस कारन लगी, इसकी कोई भी वजह साफ़ नहीं है।
‘जापान टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार ओसाका के कॉमर्शियल ब्लॉक की एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर एक मेंटल हेल्थ क्लिनिक है और यहाँ मरीज़ो का आना जाना लगा रहता है शुक्रवार सुबह भी यहाँ कई लोग आये थे परन्तु अचानक आग लग गई। इमरजेंसी सर्विस अलर्ट के बाद २० से ज़्यादा दमकल दल यहां पहुंचीं। कई घंटो की कोशिश के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन 27 लोगों की जान नहीं बच पायी। एक चश्मदीद का कहना था कि ज़्यादातर लोगो की मौत दम घुटने से हुई।
जब आग लगी तो कुछ लोग मदद के लिए चिल्लाते दिखे। आग की लपटें पांचवीं और छठी मंजिल तक भी पहुंच गईं। लेकिन यहां के सभी लोगों को बचा लिया गया है. दमकल विभाग के मुताबिक, जिस बिल्डिंग में आग लगी वह काफी छोटा था। लोग वहीं फंस गए, जिससे उनका तेजी से दम घुटने लगा। 2019 में, क्योटो में एक व्यक्ति ने एक फिल्म स्टूडियो में आग लगा दी। इस घटना में 36 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले साल 2001 में काबुकिचो के एक रेस्टोरेंट में भीषण आग लग गई थी। इस घटना में चालीस लोगों की मौत हो गई थी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने इस मामले पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. पुलिस इस बात की जांच करेगी कि दमकल को आग बुझाने में 2 घंटे क्यों लगे, जबकि पूरी टीम काफी पहले वहां पहुंच गई थी। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अग्निशमन विभाग के पास चौथी मंजिल तक सीढ़ियाँ नहीं थीं, जिससे कई लोगों की मौत हो गई क्योंकि टीम उन्हें छोड़ने में असमर्थ थी। क्लिनिक में इतने लोगों की उपस्थिति और अपर्याप्त सावधानियों पर भी सवाल उठाया जा रहा है।