टोक्यो, 22 मई (आईएएनएस)| जापान में जून में जी-20 शिखर सम्मेलन समेत इस साल लगातार होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों से पहले जापान ने दुनिया के अंग्रेजी भाषी लोगों से आग्रह किया है कि वे उनके प्रधानमंत्री को आबे शिंजो कहकर संबोधित करें न कि शिंजो आबे।
जापान में इस साल के आखिर में रग्बी विश्व कप भी होने जा रहा है।
जापानी भाषा में लोग अपने परिवार का नाम पहले लिखते हैं और उसके बाद अपना नाम लिखते हैं। यही तरीका चीन और कोरियाई भाषा में है।
हालांकि करीब डेढ़ सौ साल तक जापानियों के नाम अंग्रेजी में इसके विपरीत लिखे जाते रहे हैं।
यह परंपरा मीजी के काल (अक्टूबर 1868 से लेकर जुलाई 1912 तक) में मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीयकरण के प्रयास के रूप में शुरू हुई।
नए बादशाह के आगमन के साथ ‘रीवा’ युग में प्रवेश करने के बाद जापान सरकार ने कहा है कि वह इस मसले का समाधान अब हमेशा के लिए कर देगी।
संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मंगलवार को जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि आगे से अब जापान के प्रधानमंत्री का नाम आबे शिंजो होगा जिस प्रकार चीन के राष्ट्रपति का नाम शी जिनपिंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का नाम मून जे-इन है।
जापान में जून में जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद इस साल सितंबर में रग्बी विश्व कप और 2020 में ग्रीष्म ओलंपिक होने जा रहा है।
साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को जापान पहुंचेंगे। नए राजा जापान के बादशाह नारुहीतो के राजतिलक के बाद ट्रंप उनसे मिलने वाले पहले विदेशी नेता होंगे।