नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)| जानकी नवमी के अवसर पर यहां सोमवार को भगवान राम की पत्नी और मिथिला की बेटी सीता के जन्मदिन पर मिथिलालोक फाउंडेशन द्वारा भक्तिमय मैथिली गीत का लोकार्पण किया गया।
इस भक्ति गीत को डॉ. बीरबल झा ने लिखा है और सीतामढ़ी की बेटी व गायिका स्मृति ठाकुर ने गाया है।
‘यंगेस्ट लिविंग लीजेंड ऑफ मिथिला’ की उपाधि से अलंकृत डॉ.झा मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन हैं। उन्होंने कहा, “वैशाख शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को जानकी नवमी के रूप में जाना जाता है। मिथिला मेरे दिल में है और जहां मेरा जन्म हुआ, उस धरती के लिए कुछ करता हूं तो मुझे संतोष और आनंद की अनुभूति होती है।”
उन्होंने कहा, “देवी सीता के कई नामों में एक नाम मैथिली भी है। उन्हें समर्पित मेरा यह विशिष्ट गीत रामायण काल की याद दिलाते हुए मिथिला की महिलाओं के त्याग, तपस्या और सहिष्णुता को चित्रित करता है।”
दर्जनों गीतों की रचना करने वाले डॉ. झा के गीत ‘प्रीतम नेने चलू हमरो सौराठ सभा यौ’ काफी चर्चित रहा है। इस गीत के बारे में उन्होंने कहा, “वर्ष 2017 में लिखे मेरे इस गीत का ऐसा असर हुआ कि उस वर्ष 700 साल पुरानी सौराठ सभा को फिर से जीवित किया गया। बिहार के मधुबनी जिले में लगने वाली इस सालाना सभा में शादी तय किए जाने की परंपरा है।”
डॉ. झा ने कहा, “इतिहास गवाह है कि बालिग लड़की को अपने वर चुनने का अधिकार सदियों पहले सीता स्वयंवर से ही मिला था।”
प्रद्युम्न हत्याकांड पर डॉ. झा ने एक गीत लिखा था ‘क्या गुनाह था मेरे बच्चे का’ जिसने यूट्यूब पर थोड़े ही समय में लगभग 75 लाख व्यूअरशिप का रिकॉर्ड बनाया।
डॉ.झा के कुशल नेतृत्व में चलाए गए ‘पाग बचाउ अभियान’ को जबरदस्त सामाजिक समर्थन मिला है। यही वजह रही कि मिथिला के सांस्कृतिक प्रतीक चिह्न् ‘पाग’ पर वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने डाक टिकट जारी किया था। डॉ. झा ने ‘पागगीत’ भी लिखा है और अब उन्हें ‘पागमैन’ कहा जाने लगा है।