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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार

    पाकिस्तान में कैद भारत के नागरिक कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पंहुच के लिए इस्लामाबाद के साथ संपर्क में हैं। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दी थी। वियेना संधि के तहत पाकिस्तान को आईसीजे के निर्णय का अनुपालन करना होगा।

    जाधव तक राजनयिक पंहुच के लिए संपर्क में हैं

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि “आप सभी वाकिफ है कि कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत ने हमारा पक्ष में फैसला सुनाया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमें कुलभूषण जाधव तक पूरी राजनयिक पंहुच दी जाएगी, इससे वियेना संधि और आईसीजे के फैसले का अनुपालन और पुष्टि की जाएगी।”

    उन्होंने कहा कि “इस सन्दर्भ में हम कूटनीतिक चैनल के जरिये पाकिस्तान के साथ संपर्क में हैं और जैसे ही इसके बाबत कोई जानकारी मिलेगी आपको सूचित कर दिया जायेगा।” प्रवक्ता ने पाकिस्तान के साथ चर्चा के बाबत कोई जानरी सार्वजनिक नहीं की है।

    इस दिन के शुरुआत में कुलभूषण जाधव के परिवार ने भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी। प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है।

    आईसीजे ने पाकिस्तान को 1963 में हुई वियेना संधि का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया था और जाधव तक तत्काल राजनयिक पंहुच देने का आदेश दिया था। जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लागाये हैं और भारत के काफी आग्रहों के बावजूद पाक ने जाधव को राजनयिक पंहुच की मंज़ूरी नहीं दी थी।

    पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के उल्लंघन में आईसीजे ने 15-1 से वोट दिया था। पाकिस्तान का दावा है कि उनके सुरक्षा बलों ने जाधव को 3 मार्च 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था जब वह ईरान की सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हो रहे थे।

    48 वर्षीय पूर्व नौसैन्य अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 11 अप्रैल 2017 में सजा ए मौत का दंड दिया था। जाधव पर जासूसी के आरोप थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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