हाल ही में ज़िम्बाब्वे की आर्थिक स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है यहां की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक है। आईएमएफ के ज़िम्बाब्वे मिशन प्रमुख जेन लियोन ने देश में अस्थिर विदेश मुद्रा, अपर्याप्त सुधार, सतत विकास के लिए सरकार के अधिक व्यय को खतरा बताया है।
अधिकारी ने कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करने, ढांचागत सुधारों की गति बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग प्राप्त करने लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोबारा जुड़ने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। अब ज़िम्बाब्वे का भविष्य अगले राष्ट्रपति के हाथों में रहेगा। आईएमएफ के ताजे खुलासे पर ज़िम्बाब्वे को तत्काल कार्यवाही करनी होगी।
अनुमान के मुताबिक ज़िम्बाब्वे की आर्थिक हालात ऐसे है कि वहां पर 90% लोग बेरोजगार है। समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करना चाहते है, हम शांति चाहते है, हम नौकरियां चाहते है और रोजगार चाहते है।
देश के सरकारी टीवी ने कहा कि ज़िम्बाब्वे छोड़कर भागे एमर्सन मननगागवा को देश का अगले राष्ट्रपति पद की शपथ शुक्रवार को दिलाई जाएगी। इसके अलावा एमर्सन ने रॉबर्ट मुगाबे को शांतिपूर्वक तरीके से हटाने के लिए सेना का धन्यवाद भी किया। ( यह भी पढ़ें : ज़िम्बाब्वे के अगले राष्ट्रपति एमर्सन मननगागवा का जीवन परिचय )
वहीं रॉबर्ट मुगाबे के स्वेच्छा से इस्तीफा देने के बाद उन पर महाभियोग की कार्यवाही को रोक दिया गया है। एमर्सन ने सत्तारूढ़ पार्टी ज़ानू-पीएफ़ के मुख्यालय में अपने समर्थकों को बताया कि देश में एक नए लोकतंत्र का आगाज हो रहा है।
गौरतलब है कि इस समय ज़िम्बाब्वे की अर्थव्यवस्था पटरी के बाहर निकल चुकी है। इसलिए अब एमर्सन की मुख्य जिम्मेदारी ज़िम्बाब्वे की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हुए वापस से पटरी पर लाना होगा। इसके लिए एमर्सन को अहम उपाय व योजनाएं बनानी होगी।
इन उपायों से ज़िम्बाब्वे की आर्थिक स्थिति सुधारी जा सकती है
- मुद्रा के प्रवाह को बढ़ाना
एमर्सन मननगागवा को ज़िम्बाब्वे मे अपने देश की मुद्रा के प्रवाह को बढ़ाना होगा। ज़िम्बाब्वे की वित्तीय स्थिति साल 2009 में अधिक मुद्रास्फीति की वजह से इतनी खराब हो गई थी कि ज़िम्बाब्वे डॉलर बिल्कुल खत्म हो गया था।
तब से ही ज़िम्बाब्वे में लेनदेनों के लिए अमेरिकी डॉलर व दक्षिण अफ्रीका के रैंड का उपयोग किया जाता है। इसलिए अब एमर्सन को खुद के देश की मुद्रा को वापस से चलन में लाना होगा।
- भ्रष्टाचार को समाप्त करना
ज़िम्बाब्वे को अब अपनी आर्थिक नीतियों में आवश्यक सुधार करना होगा। इसके लिए एमर्सन मननगागवा को विदेशी निवेशकों पर लगाए गए अनावश्यक प्रतिबंधों को कम करना होगा।
इसके अलावा ज़िम्बाब्वे में भ्रष्टाचार की जड़े काफी फैल चुकी है। इसी क्रम में भ्रष्टाचार को खत्म करना एमर्सन के लिए बड़ी चुनौती होगी।
- विदेशी उधारदाताओं से सकारात्मक वार्ता
पिछले 20 सालों से ज़िम्बाब्वे ने विश्व बैंक व आईएमएफ से लिया ऋण चुकाया नहीं है। इसलिए अब ऋण पुनर्गठन की आवश्यकता है। इसके लिए विदेशी उधारदाताओं से बातचीत करनी होगी।
- बेरोजगारी ख़तम करना
ज़िम्बाब्वे में सबसे मुख्य समस्या बेरोजगारी ही है। एमर्सन ने वादा भी किया है कि वो देश में नौकरियों का सृजन करेंगे। इसके साथ ही ज़िम्बाब्वे के नागरिको जो विदेशों में काम कर रहे है उन्हें अपने देश वापस बुलाने की कोशिश की जाएगी।