कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) विशेष कोर्ट के न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच की मांग के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की आवश्यकता जताई है। कांग्रेस ने कहा कि मृतक जज की बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के द्वारा उनकी मौत के ऊपर लगातार संदेह जताया जा रहा है।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में एसआईटी से लोया केस की जांच करवानी चाहिए। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि लोया केस की जांच अच्छी तरह से होनी चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि न्यायाधीश लोया अपनी मौत के समय गंभीर रूप से दबाव में थे।
लोया की मौत की सच्चाई सभी के सामने आनी चाहिए। काग्रेस कई बार लोया केस की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की मांग कर चुकी है। साथ ही मांग करे की सुप्रीम कोर्ट की जांच प्रक्रिया के तहत एसआईटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) तथा सीबीआई का कोई अधिकारी शामिल नहीं होना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है। अब तो जजों व मीडिया को डराया जा रहा है।
सोहराबुद्दीन शेख मामले की कर रहे थे सुनवाई
गौरतलब है कि जज लोया केस मामले को सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों ने सार्वजनिक तौर पर उठाया था। इसके लिए भारतीय इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को 13 जनवरी को सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी थी।
तब जजों ने मुख्य न्यायाधीश के साथ मतभेदों को जिक्र करते हुए लोकतंत्र को खतरे में पड़ा हुआ बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सीजेआई अपने व्यक्तिगत पसंद के आधार पर बेंच को मामले पेश कर रहा है।
जब न्यायाधीश लोया की मौत हुई थी तब वो सोहराबुद्दीन शेख पुलिस मुठभेड़ का मामला सुन रहे थे। जिसमे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत अन्य लोग आरोपी थे। बाद में शाह को इस केस से बरी कर दिया गया था।