ऑस्ट्रेलिया जब फरवरी-मार्च में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ टी-20 और वनडे सीरीज के लिए भारत दौरे पर आई थी तब सब यह सोच रहे थे कमजोर ऑस्ट्रेलिया भारतीय टीम को नही हरा पाएगी। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सबको चकित कर दिया क्योकि उन्होने विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम से टी-20 और वनडे दोनो सीरीज जीत ली। उसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की यह गति अब भी जारी है और उन्होने पाकिस्कतान को वनडे सीरीज में 5-0 से करारी शिकस्त दी है।
उनकी की इस सफलता का सबसे मुख्य कारक आलराउंडर ग्लैन मैक्सवेल रहे। दाए-हाथ के बल्लेबाज को उनकी बल्लेबाजी के लिए इससे पहले के लिए कई आलोचनाए सुनने को मिली थी लेकिन 30 वर्षीय ने इन बातो पर ज्यादा ध्यान नही दिया और अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया। पाकिस्तान के खिलाफ चल रही इस आलराउंडर बल्लेबाज ने तीन अर्धशथक लगाए। जिसमें तीसरे और चौथे वनडे में मुश्किल परिस्थितियो में उनके बल्ले से शतक निकले।
आईसीसी विश्व कप से ठीक पहले मैक्सवेल के फॉर्म पर प्रकाश डालते हुए, मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने एक साहसिक दावा किया है। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आने वाले महीनों में भारतीय कप्तान की प्रतिकृति बनाकर इन-फॉर्म बल्लेबाज को उसी तरह जारी रखने और चुनौती देने की चुनौती दी है।
कोच जस्टिन लैंगर ने कहा, “उनके लिए चुनौती है, और मैंने उनसे यह कहा है। हमने विराट कोहली को देखा है, जो एक असाधारण प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं – उनका एकदिवसीय क्रिकेट में औसत 60 है। वह एक महान खिलाड़ी हैं। फिलहाल, 99 मैच में मैक्सी का औसत 32 या 33 है। वह विराट कोहली हो सकते है। उन्हे ऐसा करने की प्रतिभा मिली है। जिस तरह से उन्होने भारत में टी 20 शतकीय पारी खेली, जिस तरह से उन्होनें दोनों टी 20 खेले – उससे हमें पता है कि वह एक महान टी 20 खिलाड़ी है। चुनौती एक महान एकदिवसीय खिलाड़ी बनने की है और फिर संभावित रूप से एक टेस्ट खिलाड़ी की है।”
मैकस्वेल इस समय एक अच्छे फॉर्म में चल रहे है और वह जिम्मेदारियो को समझते हुए टीम के लिए खेल रहे है। उन्होने भारत के दौरे की शुरुआत भी टी-20 में शतक के साथ शुरु की थी। वह भारत के खिलाफ वनडे मैच में थोड़े कम नजर आए लेकिन अब पाकिस्तान के खिलाफ वह अपने बल्ले से आग उगल रहे है।