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    कनाडा के प्रधानमन्त्री जस्टिन ट्रुदो

    खालिस्तानी समर्थक सिख समुदाय के लिए भारत के भाग से पंजाब को अलग करके एक अलग देश के निर्माण की मांग कर रहे हैं। कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ के प्रसार के कारण भारत खासा चिंतित है और प्रधानमन्त्री जस्टिन ट्रुडो के कार्यकाल में पहली बार खालिस्तानी चरमपंथियों को देश के लिए खतरा बताया गया है।

    पब्लिक सेफ्टी कनाडा ने कहा कि देश में कई व्यक्ति खालिस्तानी चरमपंथियों के विचार और आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं। कनाडा के प्रधानमन्त्री के इस वर्ष भारत के दौरे के दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों के मुद्दे को उठाया गया था। भारत की चिंताओं पर कनाडा ने पहली बार अपना ध्यान आकर्षित किया है।

    कनाडा की निगरानी सूची में अभी सिख समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल और द इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 1980 के बाद खालिस्तानी समर्थकों द्वारा आतंकी गतिविधियां चलायी जा रही है। इस दौरान आतंकियों ने एयर इंडिया फ्लाइट में विस्फोट किया था, जिसमे 331 लोग मारे गए थे। इस आतंकियों के समर्थक आज भी देश में मौजूद हैं।

    विषय-सूचि

    खालिस्तानी समर्थकों के आलावा सूची में नाम

    साथ ही इस सूची में सुन्नी इस्लामिक चरमपंथी, दक्षिणवादी चरमपंथी और शिया चरमपंथी का नाम है। रिपोर्ट के मुताबिक इन समूहों को कनाडा के कई लोग आर्थिक मदद मुहैया कर रहे हैं। कनाडा के प्रधानमन्त्री जस्टिन ट्रुडो भारत की इस संवेदन शील चिंता को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।

    “जनमतसंग्रह 2020”

    एसएफजे को पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई का कथित समर्थक प्राप्त है। बीते अगस्त में ब्रिटेन में एक रैली का आयोजन कर एसएफजे ने ‘जनमत संग्रह 2020’ का ऐलान किया था। जनमतसंग्रह 2020 के तहत कई खालिस्तानी समर्थक समूहों का नेतृत्व एसएफजे कर रहा है, जो भारत से अलग सिखों के लिए एक राष्ट्र की मांग कर रहा है। खालिस्तान आन्दोलन के समर्थक सिखों के लिए एक अलग मुल्क की माँग कर रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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