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    डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट

    विश्व स्वास्थ्य संघठन ने कहा कि भारत और चीन को जलवायु परिवर्तन पर नकेल कसने से स्वास्थय फायदे हो सकते हैं। भारत को 3.28 से 8.4 ट्रिलियन तक का अनुमानित फायदा हो सकता है। साल 2015 में हुई पेरिस जलवायु संधि  से वायु प्रदुषण को कम करके साल 2050 तक दुनिया में 10 लाख लोगों को जिंदगियां बचाई जा सकती है।

    पोलैंड में आयोजित यूएन जलवायु परिवर्तन के सम्मेलन के दौरान विश्व स्वास्थ्य संघठन की यह रिपोर्ट जारी की गयी है। इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को अंडरलाइन किया गया है। भारत और चीन को जलवायु परिवर्तन संधिन से सबसे अधिक फायदा होगा। 2 डिग्री सेल्सियस तापमान रखने की जगह यदि दोनों राष्ट्र 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को हासिल करते हैं, तो चीन और भारत और खरबों में फायदा होगा।

    वायु प्रदुषण के कारण विश्व में साल भर में लगभग 70 लाख मौते होती है, यानी विश्व 5.11 ट्रिलियन डॉलर का नुकासन कल्याण सम्बंधित काज में करता है। 15 देशों में सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है, इस स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर उन देशों के सकल घरेलू उत्पाद का चार प्रतिशत होता है।

    डब्ल्यूएचओ के निदेशक ने कहा कि पेरिस समझौता इस सदी का सबसे मज़बूत स्वास्थ्य समझौता है। उन्होंने कहा कि इन सबूतों से स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन मानव जीवन और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। यह हमारी जिंदगी के लिए जरुरी तत्वों को नष्ट करता है मसलन, साफ़ हवा, स्वच्छ पेयजल, पोषित आहार और सुरक्षित निवास। उन्होंने का कि दशकों से वैश्विक स्वास्थ्य इ स्थिति कमजोर हुई है, अब हम ठोस कदम उठाने में विलम्ब नहीं कर सकते हैं।

    धरती की जलवायु को अस्थिर करने वाली मानव गतिविधियाँ भी स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। जलवायु परिवर्तन का मुख्य घटक जीवाश्म ईंधन है जो वायु प्रदुषण को बढाने में भी योगदान देता है। डब्ल्यूएचओ के निदेशक ने कहा कि कार्बन का इस्तेमाल कम करने से हवा की गुणवत्ता नहीं सुधरेगी लेकिन स्वास्थ्य समबन्धित फायदे हो सकते हैं।

    साइकिल जैसे यातायात के वाहनों के इस्तेमाल से मानव की शारीरिक गतिविधियाँ बढती है, जो मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग से बचाती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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