जलज सक्सेना पिछले पांच सीजन से रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे है। वह अकेले ऐसे भारतीय खिलाड़ी है जिन्होने एक मैच में शतक विकेट और आठ विकेट लिए है। वह 500 रन प्रति सीजन की औसत से खेलते आए है और केरल के लिए शानदार खिलाड़ी रहते हुए इस बार अपनी टीम को रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल तक लेकर गए।
अगर रिकॉर्ड्स की बात करें तो जलज सक्सेना एक बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में है। लेकिन एक शानदार घरेलू क्रिकेट होने के बाद भी राष्ट्रीय चयनकर्ताओ ने उनके ऊपर ध्यान नही दिया।
सक्सेना ने कहा कि आपत्ति उनके जीवन का हिस्सा बन गई है। 32 वर्षीय ने 2016-17 सीज़न में अपनी घरेलू टीम को मध्य प्रदेश से केरल में बदल दिया – एक ऐसा कदम जिसने घरेलू सर्किट में उनकी स्थिति को बढ़ने में मदद की है। रणजी में उनके कारनामों ने इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स के साथ एक अनुबंध भी अर्जित किया।
सक्सेना ने मेल टुडे से बात करते हुए कहा, ” हमारा यह सत्र बहुत अच्छा गया। मेरा मानना है कि जब आप टीम के लक्ष्य के लिए योगदान देते हैं, तो यह बहुत अच्छा लगता है। और केरल को पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने में खुशी हुई।”
उन्होने आगे कहा, ” मैं मध्य-प्रदेश के लिए अच्छा खेलता आया हूं। मेरा यह सोचना था कि क्यों ना मैं किसी छोटी टीम में जाकर उस टीम को एक बड़े मंच तक पहुंचाने में मदद करूं। एक पेशेवर के रूप में, जब आप जिम्मेदारी लेते है और टीम आप पर विश्वास करती है, ऐसे में प्रदर्शन कुछ अच्छा आता है। केरल के साथ, मैं 30 ओवर गेंदबाजी करता था और फिर ओपनिंग में बल्लेबाजी करने आता था। यहां से मुझे अपना टैलेंट दिखाने का अच्छा मौका मिला है।”