भारत-जापान-अमेरिका का त्रिपक्षीय समूह ‘जय’ पांच सूत्रीय एजेंडा पर कार्य करना शुरू करेंगे। यह तीन ताकतें हिन्द महासागर और इंडो पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा संरचना के लिए कार्य करेंगे। नरेंद्र मोदी, शिंजो आबे और डोनाल्ड ट्रम्प में एर्जेन्टीना में आयोजित जी-20 सम्मेलन के इतर त्रिपक्षीय मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात की योजना काफी समय पूर्व बना रखी थी, इस बैठक की सूचना की घोषणा करने के लिए इंकार किया गया था।
भारत के प्रधानमंत्री ने भारत-रूस-चीन के साथ भी त्रिपक्षीय मुलाकात की थी। व्लामिदिर पुतिन, शी जिंगपिंग और नरेन्द्र मोदी के मध्य यह मुलाकात बिना किसी एजेंडा के ही थी हालांकि बातचीत काफी गहरी हुई थी। भारत की विदेश रणनीति के लिए जय त्रिपक्षीय समूह बेहतरीन हैं हालांकि भारत को समबन्धित चतुर्थ समूह का सबसे सतर्क सदस्य रहना होगा।
इस सम्मेलन के दौरान भारत ने पांच क़दमों पर चर्चा की, जिस पर तत्काल कार्य करने की जरुरत है। इस तहत सभी देशों के लिए नियम आधरित प्रणाली होनी चाहिए, ताकि ऊर्जा और व्यापार की मुक्त आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सके। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह दो प्रमुख घटक है।
भारत और जापान ने साझा होकर श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश में कई परियोजनाओं की शुरुआत की है। अमेरिका ने कहा कि ‘बिल्ड’ एक्ट के माध्यम से, अमेरिका के निजी क्षेत्र किसी तीसरे देश की परियोजनाओं सहायता कर सकते हैं। चीन की बीआरआई परियोजना अनैच्छिक निर्भरता में वृद्धि कर रही है। त्रिपक्षीय
देशों के उताबिक इंडो पैसिफिक नीति के लिए पारदर्शिता और स्थिरता महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। अधिकतर एशियाई देश चीन के बढ़ती गतिविधियों से चिंतित है लेकिन साथ ही अन्य समूहों के बनने से भी परेशान है। इसमें अंतिम पॉइंट मानवीय सहायता और आपदा से राहत के लिए सहयोग करना है।
पीएम मोदी ने कहा था कि यह त्रिपक्षीय वार्ता तीनो राष्ट्रों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वाह करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए जापान, इंडिया और अमेरिका एक महत्वपूर्ण किरदार निभाएंगे।
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि तीनों राष्ट्र इंडो पैसिफिक इलाके के खुले, मुक्त और शांति एवं समृद्धि के लिए रज़ामंद हैं। विदेश सचिव ने कहा कि यह बैठक अच्छी रही थी। तीनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने भारत मे सुधार और विकास कार्य को अमल में लाने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
इस बैठक के दौरान भारत ने इंडो-पैसिफिक इलाके का इस्तेमाल साझा आर्थिक वृद्धि के लिए करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत साझा मूल्यों पर एकजुट होकर कार्य जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि जापान, इंडिया और अमेरिका मिलकर ‘जय’ बनते है, जिसका हिंदी में अर्थ सफलता होता है।