हैदराबाद में 26 वर्षीय पशुचिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में गर्मजोशी के साथ बहस हुई। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद और दिग्गज बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन ने कहा कि बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से बाहर लाया जाना चाहिए और लिंच कर देना चाहिए। ”
पशुचिकित्सक के साथ घटित हुी दर्दनाक घटना के बाद देश भर के लोगों में गुस्सा है। इसे लेकर संसद में भी हंगामा मचा। इस दौरान सपा नेता जया बच्चन ने राज्यसभा में कहा, “मुझे लगता है कि यह समय है, चाहे वह निर्भया हो या कठुआ, या हैदराबाद में जो कुछ भी हुआ … जनता अब सरकार से जवाब चाहती है कि इन लोगों को कितना न्याय मिला है?
#WATCH "People now want Govt to give a definite answer. These type of people (the accused in rape case) need to be brought out in public and lynched," Rajya Sabha MP Jaya Bachchan on rape & murder of woman veterinary doctor in Telangana pic.twitter.com/HFNjUHtSHB
— ANI (@ANI) December 2, 2019
साथ ही उन्होंने कहा कि” बलात्कार के मामलों के अभियुक्तों का नाम सार्वजनिक रूप से जारी कर उन्हें शर्मिंदा करना चाहिए। इस तरह के लोगों को पब्लिक के बीच में लाना चाहिए और लिंच कर देना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए सांसद जया बच्चन ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि आप सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, तो इनका फैसला जनता पर छोड़ दीजिए। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे और जिन्होंने जुर्म किया। उन्हें सार्वजनिक तौर पर सामने लाना चाहिए और लोगों पर उनका फैसला छोड़ देना चाहिए।
अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी दोषियों को कठोर दंड देने का आह्वान किया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों से निपटने के लिए अतीत में कई कानून बनाए गए हैं, लेकिन क्रूरता के ऐसे कार्यों के खिलाफ समाज के लोगों के लिए उठ खड़े होने का समय है।
तृणमूल सदस्य शांतनु सेन ने कहा कि फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करने और कड़ी सजा देने के लिए मजबूत कदम उठाए जाने चाहिए।
सेन ने कहा, “सजा को प्रचारित किया जाना चाहिए, ताकि लोग ऐसा जघन्य अपराध करने से पहले दो बार सोचें।”
भारत में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा पर हो रही चर्चा और सुझाव के साथ सदन में शून्यकाल शुरू हुआ।
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “हैदराबाद में जो कुछ हुआ, वह मानवता के सभी सिद्धांतों के लिए अपमानजनक और बेहद निंदनीय है।”
उच्च सदन के सदस्यों ने कहा कि इस भीषण घटना ने राष्ट्र की अंतर्आत्मा को हिला दिया है।