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    jayaprada for loksabha elections 2019

    गुजरे जमाने की फिल्म अभिनेत्री और रामपुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार जयाप्रदा समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान की टिप्पणी से बहुत आहत हैं। विपक्षी दलों की महिलाओं का समर्थन न मिलने पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा है कि एक महिला पर हुई अभद्र टिप्पणी पर कोई बोलने को तैयार नहीं है, यह बेहद दु:खद है।

    आखिर विपक्षी महिलाएं उनका समर्थन क्यों नहीं कर रही हैं? जयाप्रदा ने यहां आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा, “इसलिए, क्योंकि चुनाव चल रहा है और उन्हें मुस्लिम वोट चाहिए। मुझे ममता बनर्जी से आशा थी। वह कुछ बोलेंगी, पर उनकी चुप्पी ने मुझे बहुत निराश किया है।”

    आजम खान की टिप्पणी को सांसद डिंपल यादव द्वारा छोटी बात बताने पर जयाप्रदा ने कहा, “इससे ज्यादा कौन-सी बात बोली जाए, जो उन्हें बड़ी लगे। वह एक महिला हैं। बावजूद इसके उन्हें (डिम्पल) यह छोटी बात लगती है। उनकी आंखें बंद हैं। आजम खान उनके बारे में भी गंदी बातें बोल चुके हैं। फिर भी वह ऐसा कह रही हैं। अपने पर आए तो बड़ी बात, दूसरों पर आए तो छोटी। यह उनके परिवार का नियम है।”

    पूर्व मंत्री आजम खान के विवादित बयान पर बचाव की मुद्रा में आए अखिलेश यादव पर उन्होंने कहा, “यह सारी बयानबाजी महज मुसलमानों के वोटों के लिए की जा रही है। वह सोच रहे हैं कि ऐसा बोलने से मुसलमान खुश होंगे, लेकिन मुसलमान भाई समझते हैं। आजम के अलावा सारे देश में ऐसी बातें कोई नहीं बोल सकता है। वे भी मेरे ऊपर की गई अभद्र टिप्पणी से खफा हैं। इस बार जनता सबका जवाब एक साथ दे देगी।”

    जयाप्रदा ने आगे कहा, “आजम खान मेरा बार-बार अपमान कर रहे हैं। मैं आहत और दुखी हूं। एक बहन आपको भाई मानती है और आप अभद्र शब्द बोलते हो। मैंने इनके कारण खून के आंसू रोए हैं। 10 सालों से लगातार मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। मैं उनके कारण रामपुर भी नहीं आ पा रही थी। अब मैं रामपुर छोड़कर नहीं जाऊंगी और मैं रामपुर में रहकर ही आजम को सबक सिखाऊंगी।”

    आजम खान से चुनौती के सवाल पर उन्होंने कहा, “चुनाव हो या फिर जंग का मैदान। विरोधी, विरोधी होता है। उनसे लड़ने के लिए ताकत और मजबूती होनी चाहिए। मैं पूरी तरह तैयार हूं।”

    प्रियंका गांधी के प्रभाव के सवाल पर उन्होंने कहा, “अब सक्रिय राजनीति में आई हैं, लेकिन उनके भाषण में आकर्षण नहीं है। कांग्रेस का संगठन भी उप्र में नहीं है। वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगी। यहां मोदी लहर है। बच्चे-बच्चे की जुबान पर मोदी हैं। विकास को गांव-गांव तक भी पहुंचाया है। विभिन्न दलों का गठबंधन मोदी को रोकने के लिए है। इनका कोई भविष्य नहीं है।”

    मायावती और मुलायम के एक साथ मंच पर आने के सवाल जयाप्रदा ने कहा, “मैनपुरी की रैली में बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भाषण में गेस्ट हाउस कांड का दर्द झलकाया है। उनके भाषण से यह पता चला है कि उन्होंने कितनी तकलीफ उठाई है। महिलाओं को एक तरह से समर्थन कर रही हैं। मुझे भी करेंगी। मुलायम शासन में हुए गेस्ट हाउस कांड से जाटव नाराज हैं। मुझे नहीं लगता वे गठबन्धन को समर्थन करेंगे।”

    उन्होंने कहा, “लोग मोदीजी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। हम जहां भी जा रहे हैं, सबकी जुबान पर मोदी का ही नाम है। बच्चे, महिलाएं, बड़े और बूढ़े भी उनके समर्थन में हैं। दोबारा प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग उठ रही है। इसलिए महागठबंधन का कोई असर नहीं होने वाला है।”

    जयाप्रदा को रामपुर में बाहरी बताया जाता है। इस पर उन्होंने कहा, “रामपुर से अलग कभी रही ही नहीं। मेरा यहां घर है, शैक्षणिक संस्थान है। 2004 और 2009 में यहां के लोगों ने मुझे सांसद बनाया था। तो भला मैं बाहरी कैसे हूं। जिनके पास कोई मुद्दा नहीं, वही मुझे ऐसा बता रहे हैं।”

    तो क्या जयाप्रदा को मुसलमानों से समर्थन मिलने की उम्मीद है? उन्होंने कहा, “यहां लगभग 52 प्रतिशत मुसलमान हैं। सब एक तरफ ही वोट करेंगे ऐसा बिल्कुल नहीं है। मोदी जी ने सबके लिए काम किया है। जो विकास से वंचित थे, उन्हें भी लाभ हुआ है। ऐसे में मुसलमान भी हमारा समर्थन कर रहे हैं।”

    उन्होंने कहा, “मैंने अपने कार्यकाल के दौरान रामपुर में बहुत सारे विकास कार्य किए हैं। मैंने इस क्षेत्र में यातायात की सुगमता और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान दिया है। यहां की विद्युत संयोजन की समस्या को भी दूर करने की दिशा में काम किया है। ग्रामीण इलाकों में सड़कों और स्कूलों को बेहतर करने की दिशा में भी काम किया है।”

    जयाप्रदा ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआ की थी। वह वर्ष 1996 में आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं। बाद में वह तेदेपा छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गईं। वर्ष 2004 के आम चुनाव में वह रामपुर संसदीय सीट से निर्वाचित हुईं। 2009 में वह दोबारा इस सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं। इस बार वह भाजपा उम्मीदवार के रूप में रामपुर से अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

    रामपुर लोकसभा सीट के लिए मतदान तीसरे चरण में 23 अप्रैल को होना है। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किया जाएगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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