भारत के विदेश मन्त्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को बैंकाक में अमेरिका के राज्य सचिव इके पोम्पियो से मुलाकात की थी और दोनों ने महवपूर्ण द्विपक्षीय संबंधो पर चर्चा की थी। भारत ने अमेरिकी सचिव को कश्मीर पर भारत के रूख से अवगत किया था।
विदेश मन्त्री ने बताया कि “उन्होंने माइक पोम्पियों को स्पष्ट कर दिया है कि अगर कश्मीर मसले पर वार्ता होती है टी यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है और दोनों देशों के बीच ही इस मामले पर चर्चा होगी।” अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को दोबारा मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था।
Wide ranging discussions with @SecPompeo on regional issues. pic.twitter.com/SOLxBDe3Q0
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 2, 2019
अमेरिका और भारत के बीच सम्बन्ध अभी बेहद समान्य हुए हैं लेकिन व्यापर मतभेद जारी है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया था लेकिन भारत ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया था।
आसियान सम्मेलन के शिखर सम्मेलन की थीम “साझेदारी और सतत विकास” है। जयशंकर ने कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वियतनाम के समकक्षी फाम बिंग मिंह से आसियान के सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी।
बीती रोज जयशंकर ने ब्रितानी विदेश मन्त्री डोमिनिक राब से मुलाकात की थी और साथ ही इंडोनेशिया के विदेश मन्त्री रत्नों मर्सुदी से मुलाकात की थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि कश्मीर मसले का समाधान करना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि “यह भारत और पाकिस्तान को ही फैसला करना है कि मध्यस्थता लेनी है या नही। अगर दोनो राष्ट्र इस मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार है तो हम उनकी सहायता करेंगे।”