भारत के नवनिर्वाचित विदेश मंत्री जयशंकर और उनके जापानी समकक्षी टारो कोनो ने मंगलवार को फ़ोन पर बातचीत की थी और दोनों देशों के बीच मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक रणनीति की संभावनाओं की समीक्षा की है। जयशंकर के विदेश मंत्री के पद पर नियुक्त होने की जापानी मंत्री ने बधाई दी। जयशंकर के जापान से काफी नजदीकी सम्बन्ध है।
उन्होंने मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक रणनीति की संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किये थे। वैश्विक ताकत के तौर पर भारत की भूमिका और जिम्मेदारी के बाबत बताया था। कोनो ने साथ ही कहा कि इस वर्ष जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे भारत की यात्रा पर आएंगे और वह जयशंकर के साथ पहले से ज्यादा करीबी और संपर्क से कार्य करेंगे।
जापानी मंत्री ने जयशंकर को नवंबर में आयोजित जी-20 सम्मेलन के लिए भी आमंत्रित किया है। इसके आलावा जल्द से जल्द उन्होंने जापान और भारत की रज़ामंदी से 2+2 बैठक का आयोजन करने की इच्छा व्यक्त की है।
जयशंकर ने जापानी समकक्षी की बधाई का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह कई मौको पर जापानी विदेश मंत्री से मुलाकात की इच्छा रखते हैं विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में मुलाकात करना चाहते हैं और कहा कि वह जल्द की जापानी यात्रा पर जायेंगे।
जयशंकर इससे पूर्व अमेरिका में भारत के राजदूत के तौर पर नियुक्त थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जयशंकर का ओहदा हैरतअंगेज़ है। एनडीए सरकार के अगले पांच वर्ष के कार्यकाल में वह विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारियों को संभालेंगे।