जयपुर साहित्य महोत्सव के 11वें संस्करण की आज शुरुआत जयपुर में होने वाली है। यह महोत्सव काव्य, उपन्यास, विज्ञान, इतिहास, पर्यावरण, पत्रकारिता, उदारवादी कला, यात्रा, सिनेमा और अर्थशास्त्र जैसे बहुत सारे रुझानों और विषयों पर 200 से अधिक सत्रों को प्रदर्शित करेगा।
अपने पुराने संस्करणों के समान, यह महोत्सव शुरू होगा, एक मुख्य भाषण के साथ और समाप्त होगा एक बहस के साथ। महोत्सव के अंत में वहाँ मौजूद दर्शकों को अपने इच्छानुसार प्रस्तुत किये गए विचारों के पक्ष में या विपक्ष में मतदान करना होगा।
साहित्य महोत्सव का अनावरण राजस्थान की मुख्यमंत्री, वसुंधरा राजे द्वारा किया गया। इसकी शुरुआत हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका, मीता पंडित द्वारा की गयी एक मधुर पेशकश के साथ हुई। इसके बाद पिको अययर “बिना सीमाओं का जगत” पर एक मुख्य भाषण देंगे।
“द रियल थिंग” नामक एक सत्र में अकादमी पुरस्कार के विजेता टॉम स्टोप्पर्ड उनकी ज़िन्दगी के कुछ किस्सों को बाटेंगे। “द ग्रेट सर्वाइवर” नामक एक अन्य सत्र में अफ़ग़ान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई विलियम डेलरिम्पल के साथ अपने देश के हालिया अशांत माहौल के दौरान अपने नेतृत्व और विरासत पर चर्चा करेंगे। उपन्यासकार हेलेन फील्डिंग मरू गोखले के साथ हास्य और उपन्यास की कलाओं पर बात करेंगे।
इस कार्यक्रम में भषाओं की विविधता, उनकी बहुआयामी वाहक और रहस्यपूर्ण जड़ों पर भी बात करेगा। ऑक्सफोर्फ़ डिक्शनरी में प्रथम हिंदी शब्द को शामिल करने की भी घोषणा की जायेगी। हिंदी का पद साहित्यिक परम्पराओं में मनाया जायेगा।
शशि थरूर, अशोक चोपड़ा और अश्वनी सांगी जैसे मशहूर लेखकों की मशहूर पुस्तकें इस महोत्सव में प्रदर्शित की जायेगी। समाप्ति बहस “मी टू: डू मेन स्टिल हैव इट इजी?” विषय पर होगी। मतदान सत्र के उपरान्त एक बहस होगी।
टीमवर्क आर्ट्स द्वारा प्रस्तुत किया गया, ज़ी जयपुर साहित्यिक महोत्सव जयपुर के दिग्गी में होता है। माने हुए लेखक नामित गोखले और विलियम डेलरिम्पल इसके सह-निर्देशक हैं। यह दुनिया का एक जाना माना महोत्सव है।
हालांकि, प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि पद्मावत के खिलाफ करणी सेना द्वारा हो रहे दंगे दोबारा न हो लेकिन फिर भी शिवसेना के अध्यक्ष महिपाल सिंघ मकराना ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन(सीबीएफसी) ने किसी भी प्रकार के दंगों के खिलाफ आगाह किया है ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।