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    एक विशेष अदालत ने बुधवार को 2008 में जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में पांच में से चार आरोपियों को उनकी भागीदारी के लिए दोषी करार दिया, लेकिन एक अन्य आरोपी को मामले से बरी कर दिया। अदालत ने मोहम्मद सैफ, सहफर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, देशद्रोह, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक अधिनियम जैसी विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया। न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने पांचवें आरोपी शहबाज हुसैन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

    शहर में 13 मई, 2018 को आठ स्थानों पर सिलसिलेवार हुए विस्फोटों ने पूरे जयपुर को हिलाकर रख दिया था। हमले में 71 लोगों की मौत हो गई थी और 185 लोग घायल हो गए थे।

    हुसैन के वकील सुरेश व्यास ने कहा कि अभियोजन पक्ष उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने में असफल रहा।

    एक ईमेल भेजने, सीरियल ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने का आरोप शहबाज हुसैन पर लगा था। हालांकि, अभियोजन पक्ष दोनों ही आरोपों को सिद्ध नहीं कर सका, इसलिए अदालत ने सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया।

    पहला दोषी मोहम्मद सैफ उर्फ कैरियन है। वह माणक चौक पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में शामिल था। चांदपोल हनुमान मंदिर में हुए विस्फोट में भूमिका के लिए सरवर आजमी को दोषी करार दिया गया। वहीं सांगानेरी हनुमान मंदिर में विस्फोट के लिए मोहम्मद सलमान मामलें में तीसरा दोषी है। वहीं सैफुर उर्फ सहफर्रहमान अंसारी पांच अलग-अलग स्थानों पर बम लगाने का दोषी पाया गया। अदालत अगले दो दिनों में सजा का ऐलान कर सकती है।

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