ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 24 फरवरी से भारतीय क्रिकेट टीम 5 एकदिवसीय और 2 टी-20 मैचो की सीरीज खेलेगी। ऐसे में आगामी एकदिवसीय सीरीज के लिए जयदेव उनादकट का नाम श्रृंखला के लिए लिया जा सकता है ताकि अगर कोई गेंदबाज सीरीज के दौरान चोटिल हो जाए तो टीम की बेंच स्ट्रैंथ पर कोई असर ना पड़े और उसे मजबूत किया जा सके।
जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वकर कुमार और मोहम्मद शमी के अलावा, बाएं-हाथ के गेंदबाज खलील अहमद भी टीम का हिस्सा हो सकते है। यदि चयनकर्ता उनादकट को सीरीज के लिए चुनते है, तो कम से कम एक आदमी आश्चर्यचकित नहीं होगा; वसीम जाफर, भारत के प्रमुख घरेलू बल्लेबाज, उन्होने कुछ दिन पहले उनादकट को देश का सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ का सीमर बताया था।
वसीम जाफर जिन्होने उनादकट के खिलाफ दो रणजी मैच खेले थे उन्होने कहा था, ” वह गेंदबाज के रूप में परिपक्व हो रहे है और वह अच्छी गेंद फेंकता है जिसे हिट करना आसान नही होता है। वह अच्छे क्षेत्र में गेदबाजी करते है। उन्होने अब रिवर्स स्विंग गेंद करवानी भी शुरू कर दी है। हर समय वह दबाव बनाके रखता है, जो एक गुणवत्ता वाले गेंदबाजी के अंदर होता है वह उसी प्रकार से गेंदबाजी करता है। वह इस समय सबसे सर्वश्रेष्ठ है।”
भारत जहां अब 24 जनवरी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 वनडे और 2 टी-20 मैचो की सीरीज खेलेगा, वहां वह उनादकट को मौका दे सकते है और उनका परीक्षण कर सकता है। भारत के कोच भरत अरूण ने बाएं-हाथ के सीमर के बारे में बात की है- और यही एक कारण है कि खलील अहमद टीम का हिस्सा बने हुए है। टीम में अब अपनी जगह बनाने के लिए कोई स्लॉट खाली नही है, जहां पहले से तीन तेज सीमर और दो स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल पहले से टीम में है। इनके बाद टीम में हार्दिक पांड्या और विजय शंकर भी उपलब्ध है, जो की गेंदबाजी की बैंच स्ट्रैंथ को और मजबूत कर सकते है। भारत ने अब तक बाएं-हाथ के गेंदबाज के रूप में खलील अहमद को टीम में जगह दी है, यह कोई हैरानी की बात नही होगी अगर उनादकट को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज में टीम में जगह दी जाएगी।
उनादकट ने रणजी ट्रॉफी 2018-19 के सत्र में 8 मैचो में 39 विकेट चटकाए है। जिसमें से आखिरी 18 विकेट उन्होने नॉकआउट गेम में चटकाए है। जिसमें उत्तर-प्रदेश, कर्नाटक और विजेता विदर्भ की टीम शामिल है।