भूटान ने बुधवार को कहा कि “जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाना भारत का आंतरिक मामला है। यह चौथा राष्ट्र है जिसने इस कदम पर भारत का समर्थन किया है।”
भूटान के विदेश मंत्री तांडी दोरजी ने कहा कि “हमारे लिए यह पूरी तरह एक अंदरूनी मामला है। मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि सीमाओं पर शान्ति होनी चाहिए।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस मामले पर संयुक्त वार्ता होनी चाहिए। भूटान की स्थिति पाकिस्तान के लिए झटका है।
जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का नई दिल्ली का निर्णय भारत का आंतरिक मामला है और इसमें तीसरे पक्ष की दखलंदाज़ी को भारत ने खारिज किया है। भूटान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भूटान में भारत और चीन के बीच कोई प्रतिद्वंदता नहीं है। साथ ही जलवायु परिवर्तन जैसे मामले पर सहयोग के लिए यहाँ पर्याप्त सहयोग है।
उन्होंने कहा कि “भारत और चीन के बीच को प्रतिद्वंदता नहीं है। यहाँ सभी देशो के लिए पर्याप्त मौके और स्पेस हैं। दोनों राष्ट्रों के बीच समबन्ध प्रदर्शित करते है कि एक बड़े देश और एक छोटे देश की दोस्ती उदहारण है।” पीएम मोदी ने बीते महीने भूटान की यात्रा की थी।
दोरजी ने कहा कि “भारत-भूटान सम्बन्ध एक ऐसी दोस्ती सिर्फ दो देशो के बीच नहीं है बल्कि दो पड़ोसियों के बीच है। यह दर्शाता है कि देश का आकार से फर्क नहीं पड़ता है। एक छोटा और एक बड़ा देश दोस्ती का उदहारण दे सकते हैं। हमारे अद्भुत सम्बन्ध है और यह मज़बूत होते करेंगे। पीएम मोदी ने आठ महीनो के अंतराल में दो बार भूटान की यात्रा की थी।”