पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने सोमवार को भारत के साथ वार्ता से सिरे से इनकार कर दिया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। खान ने कहा कि “भारत के साथ वार्ता विकल्पों में शामिल नहीं है।”
उन्होंने अमेरिका के सांसद च्रिस वान होल्लेन और मग्गी हस्सन से रविवार को जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चर्चा की थी। इमरान खान ने कहा कि “वह भारत-पाकिस्तान वार्ता के सबसे बड़े समर्थक है लेकिन कश्मीर की स्थिति में सुधार के बगैर यह असंभव है।”
भारत ने सीमा पार आतंकवाद का को समर्थन करने तक इस्लामाबाद से बातचीत को बहाल न करने का संकल्प लिया है। कश्मीर के मामले में शामिल होने के लिए खान ने अमेरिकी सांसद की तरफ अभिवादन व्यक्त किया है। होलेन अमेरिकी सांसदों का भाग है जो कश्मीर में मानव अधिकारों को लेकर चिंतित है।
खान ने यूएन में आधे भाषण को कश्मीर को समर्पित किया था और चेतावनी दी कि अगर दो परमाणु पड़ोसियों के बीच जंग छिड़ती है तो इसका परिणाम सिर्फ दोनों देशो पर ही असर नहीं आएगा बल्कि दुनिया पर भी प्रभाव डालेगा।
अमेरिका के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा से मुलाकात की थी और इसके ऐलान पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन ने की थी। दोनों पक्षों ने अमेरिका और पक्सितन में बीच सुरक्षा भागीदारी की महत्वता पर जोर दिया है।