धरती का स्वर्ग या जन्नत कहा जाने वाला श्रीनगर प्रतिवर्ष अनेकों पयर्टकों का स्वागत करता है। भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक श्रीनगर, कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी है। ऐसा प्रतीत होता है मानो किसी अध्यात्मिक बल से यह पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करता हो।
इसकी खूबसूरती लोगों को अचंभित कर देती है लेकिन अक्सर पयर्टकों की यात्रा का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में प्रसिद्द डल झील को देखना होता है। इस झील की सबसे विशेष बात यह है कि इसके जल में आकाश प्रतिबिंबित होता है लेकिन कुछ समय से बड़े पैमाने पर फैले हुए जल प्रदूषण के कारण झील की भारी मात्रा में तबाही हो रही है। यह गन्दगी के विभिन्न कारण हैं इनमें मलजल निपटान और मानव अतिक्रमण जैसी चीजें शामिल हैं।
केंद्रीय और राज्य प्राधिकरण 1980 के दशक से ही झील में प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उसके परिणाम निराशाजनक ही रहे हैं। सरकार करीब 1100 करोड़ रूपए खर्च कर चुकी है किन्तु झील की गन्दगी पर कोई फर्क नही पड़ा है।
एक स्थानीय बालिका ने इसी प्रयास को आगे बढाया है जिसने एक सकारात्मक पहल करके झील को स्वयं साफ़ करने का बेड़ा उठाया है। पाँच वर्षीय जन्नत ने शहर को जन्नत बनाने की अपनी कोशिश में यह सफाई अभियान चलाया है। वह अपने पिता की सहायता से अपनी नाव में इस सफाई कार्य को सफल बनाती है और झील को स्वच्छ बनाने की पुरजोर कोशिश में लगी रहती है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जन्नत नें कहा, “लोगों को डल झील में कूड़ा नहीं डालना चाहिए और बदले में कूड़ेदान का इस्तेमाल करना चाहिए।”
हाल ही में एक वायरल हुए वीडियो में उसने कहा “डल झील में बहुत ही अधिक मात्रा में कूड़ा है। मैं अपनी उम्र के सभी बच्चों से उनकी नौकाओं पर मेरे साथ झील को साफ करने के लिए चलने का अनुरोध करती हूं। झील बहुत ही सुन्दर है लेकिन सभी ने मिलकर इसे प्रदूषित कर दिया है। मैं सभी से अनुरोध करना चाहती हूँ कि वे सभी मेरा साथ दें और इस झील की सफाई का कार्य आरम्भ करें। “
इस सफाई अभियान का आगाज़ करके जन्नत ने एक बदलाव की पहल तो कर दी है बस वो अब लोगों से इसकी सफलता के लिए समर्थन चाहती है।