जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पहली बार हाई स्पीड इंटरनेट शुरू हुआ है। अनुच्छेद 370 खत्म होने के तत्काल बाद ही हाई स्पीड इंटरनेट पर रोक लगा दी गई थी और आज लगभग 550 दिन बाद जम्मू कश्मीर को दोबारा हाई स्पीड इंटरनेट की सेवा वापस मिली है। इस सेवा को धीरे-धीरे पहले 2G, 3G और फिर हाई स्पीड तक लाया गया। इस बीच लोगों को काफी परेशानियां हुईं, लेकिन देश की एकता और अखंडता के लिए ऐसा जरूरी था यह सरकार का मानना है। खबर है कि अगले हफ्ते तक जम्मू कश्मीर के लोग 4G इंटरनेट का प्रयोग कर सकेंगे वहीं प्रीपेड यूजर्स के लिए भी इंटरनेट यूज करने के लिए वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
जम्मू कश्मीर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और किसी भी तरह की असामाजिक अनपेक्षित घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इन 550 दिनों के दौरान बहुत से लोगों ने जम्मू कश्मीर में इंटरनेट बंदी का काफी विरोध भी किया लेकिन सरकार ने इसे धीरे-धीरे ही लोगों को ये सेवा प्रयोग करने की अनुमति दी। इंटरनेट बहाली के बाद प्रशासन किसी भी तरह की किसी भी तरह के खतरे को मोल नहीं लेना चाहता है। जम्मू कश्मीर में 4जी इंटरनेट प्रयोग करने के लिए भी सबसे पहले यह जरूरी होगा कि उपयोगकर्ता सरकार के पास अपना वेरिफिकेशन करवाएं साथ ही पुलिस व गृह विभाग के अधिकारी भी इन चीजों पर पैनी नजर रखेंगे।
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया गया था और अनुच्छेद 370 को पूरी तरह समाप्त कर दिया था। इसके बाद से से जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद थी। साथ ही कई अलगाववादी नेताओं को हाउस अरेस्ट भी किया गया था। राज्य में इतने समय के बाद इंटरनेट को बहाली करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था और 4 फरवरी को इस कमेटी ने एक मीटिंग भी की थी। इस मीटिंग में सबसे पहले सुरक्षा के मुद्दे और आशंकाओं पर बात की गई और उसके बाद यहां हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा लोगों को मुहैया करा दी गई। हालांकि अभी भी लोगों को इंटरनेट के प्रयोग से पहले वेरिफिकेशन करवाना होगा। इस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पोस्टपेड नंबरों की वेरिफिकेशन जैसी ही होगी।
जम्मू कश्मीर सुरक्षा और संवेदनशीलता की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है और 370 हटाने के बाद यहां इंटरनेट की बेलगाम उपयोगिता घाटी की सुरक्षा और संवेदनशीलता के लिए खतरा हो सकती थी। इसके लिए सरकार ने यह कदम उठाया कि एक लंबे अरसे के लिए इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया जाए। सरकार के इस फैसले का बहुत से लोगों ने विरोध किया हालांकि यह जरूरी था। यह देखा गया कि पिछले डेढ़ से दो साल के अंतराल में घाटी में हिंसा और आतंकी गतिविधियों की घटनाओं में कमी देखी गई। साथ ही घाटी को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि यहां विकास की नई बयार आ सकती है। घाटी की जनता इंटरनेट बहाली के बाद काफी खुश है। वहीं उमर अब्दुल्ला ने भी “4जी मुबारक” ट्वीट कर लोगों को बधाई दी है।