पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले के कारण सऊदी अरब वैश्विक जगत की आलोचनायें झेल रहा है, खासकर सऊदी का प्रतिद्वंदी तुर्की क्राउन प्रिंस को झुकाने का हर संभव कोशिश कर रहा है।
तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैय्यप एर्दोगन ने जमाल खाशोगी की हत्या के संदिग्धों पूछताछ के लिए तुर्की को सौंपने की मांग की थी। बीबीसी के मुताबिक सऊदी अरब ने त्रुर्की की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।
सऊदी अरब का इनकार
सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के संदिग्धों को तुर्की के सुपुर्द करने से इनकार कर दिया था। आदेल अल जुबेर ने कहा कि हम अपने नागरिकों का प्रत्यर्पण नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे मित्र तुर्की को हमें सबूत मुहैया करने चाहिए, जिन्हें हम अदालत में पेश कर सके। उन्होंने कहा कि सबूत हमें उस तरीके से नहीं मिले जिस तरीके से मिलने चाहिए थे।
तुर्की के आरोप
हाल ही में तुर्की की अदालत ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के दो करीबी अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी अरब के दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया था। तुर्की के मुताबिक पत्रकार की हत्या के आरोप सऊदी के आला अधिकारियों ने दिये थे। हालांकि तुर्की के मुताबिक इस जुर्म में क्राउन प्रिंस शामिल नहीं थे।
तुर्की के नेता ने दक्षिण अमेरिका के दौरे के दौरान सऊदी अरब से दरख्वास्त की कि पत्रकार के मामले में संदिग्ध को उन्हें सौंप दिया जाए, उन्होंने कहा कि सऊदी अरब इस हत्या के मामले में सहयोग नहीं कर रहा है। इस हत्या के बाद रियाद ने 21 आरोपियों को नज़रबंद रखा है।
ख़बरों के मुताबी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान ने पत्रकार की हत्या के हुक्म दिए थे लेकिन सऊदी इन आरोपों को नकारता रहा है।
पश्चिम के साथ संबंधों में तनाव
पत्रकार की हत्या के बाद सऊदी अरब की अंतर्राष्ट्रीय जगत में छवि धूमिल हुई थी। साथ ही पश्चिमी देशों अमेरिका, फ्रांस, कनाडा ने सऊदी के 20 अधिकारियों पर प्रतिबन्ध लगाये थे।
अमेरिका पत्रकार की हत्या में लिप्त दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए सऊदी अरब पर दबाव बना रहा है।