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    दिवंगत पत्रकार जमाल खशोगी

    पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर तुर्की ने सऊदी अरब के खिलाफ तीखा रवैया अपना रखा है। तुर्की ने दावा किया था कि पत्रकार की मौत से संबंधित उनके पास एक ऑडियो रिकॉर्डिंग है। तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैयप्प एर्डोगन ने कहा कि पत्रकार की हत्या का सबूत ऑडियो रिकॉर्डिंग सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन को सौंप दी गयी है।

    उन्होंने कहा कि हमने टेप रिकॉर्डिंग दे दी है। हमने सऊदी अरब, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन को सौंप दी गयी है। उन्होंने कहा कि जब वे हत्या के दौरान की बातचीत सुनेंगे तो जान जाएंगे। फ्रांस में प्रथम विश्व युद्ध के 100 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह से निकलने से पूर्व तुर्की राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकार की हत्या के लिए तुर्की आयी 15 लोगों की टीम के लोगों को सऊदी अरब को पहचानना होगा।

    राष्ट्रपति एर्डोगन ने कहा कि इसको ताड़ने मरोड़ने की जरूरत नही है, पत्रकार के 15 हत्यारों को सऊदी अरब को पहचानना होगा। सऊदी अरब को उन 15 लोगों की सूचना का खुलासा करने होगा। इस समारोह के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ़्रांसिसी राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन ने सहमति जताई कि सऊदी अरब को पत्रकार की हत्या की सभी पहलुओं को उजागर करना चाहिए।

    अमेरिका और फ्रांस के राष्ट्रपति ने सहमति जताई कि इस घटना से मिडिल ईस्ट में अस्थिरता नहीं बढ़ेगी और यमन की जंग को खत्म करने के लिए एक राजनीतिक समाधान निकालने में सहायक होगा।

    जमाल खशोगी 2 अक्टूबर को इस्तानबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में गए थे। दूतावास में पत्रकार की हत्या कर दी गयी थी। शुरुआत में सऊदी ने हत्या से संबंधित जानकारी से इनकार कर दिया था लेकिन अंतरार्ष्ट्रीय दबाव के बाद सऊदी अरब ने कबूल किया कि पूछताछ के दौरान पत्रकार की मौत हो गयी थी। तुर्की ने सऊदी पर इल्ज़ाम लगाया कि सऊदी ने पत्रकार की हत्या कर उसके शव के टुकड़े कर दिए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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