सऊदी अरब जमाल खशोगी की हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत की आलोचनाएं झेल रहा है। हाल ही सऊदी अरब को सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किये थे। हाल ही में नियुक्त किए गए विदेश मंत्री इब्राहिम अल आसफ ने कहा कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या ने सभी की दुखी व परेशान किया है।
उन्होंने कहा यह नहीं कहा जा सकता कि सऊदी अरब संकट के दौर से गुजर रहा है, बल्कि वह बदलाव के दौर से गुजर रहा है। विदेश मंत्री का इशारा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा किये गए आर्थिक व सामाजिक सुधारों की तरफ था।
अमेरिका के वरिष्ठ पत्रकार जमाल खशोगी की इस्तांबुल में स्थित सऊदी दूतावास ने विश्व का ध्यान आकर्षित किया था। पत्रकार जमाल खशोगी सऊदी अरब और क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक थे।
तुर्की के राष्ट्रपति ने द वांशिगटन पोस्ट के पत्रकार की हत्या के बाबत भी सऊदी अरब की आलोचना की थी। जमाल खशोगी सऊदी अरब के दिग्गज क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मुखर आलोचक थे। जिनकी हत्या इसी वर्ष 2 अक्टूबर को हुई थी। दूतावास में पत्रकार अपनी निकाह से सम्बंधित दस्तावेजों को लेने गए थे।
डोनाल्ड ट्रम्प का मोहम्मद बिन सलमान को समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में जारी अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट को खारिज किया है। ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आदेश सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दिए थे।
सऊदी अरब के बादशाह और क्राउन प्रिंस के इस हत्या में शामिल होने के आरोपों को नकारते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि शायद विश्व उन्हें इस क़त्ल का गुनागार मानता हो, क्योंकि यह दुनिया बेहद दोषपूर्ण स्थान है। आलाचकों ने डोनाल्ड ट्रम्प के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह मानव अधिकार को नज़रंदाज़ कर, सऊदी अरब को आर्थिक कारणों से क्लीन चिट दे रहे हैं। ताकि वह तेल बाज़ार पर अपना प्रभुत्व कायम कर सके।