अमेरिका की कांग्रेस ने गुरूवार को डोनाल्ड ट्रम्प को दोहरा झटका दिया और कहा कि यमन में जारी जंग में अमेरिकी सैन्य समर्थन बंद करें और पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की निंदा की थी। सऊदी अरब ने इसका प्रतिकार करते हुए प्रस्ताव को ख़ारिज किया है।
सऊदी अरबने कहा कि अमेरिया हमारे आंतरिक मामलों में प्रबल दखलंदाजी कर रहा है। अमेरिका ने यह प्रस्ताव 13 दिसम्बर को पारित किया था। सऊदी अरब ने अपने सहयोगी देश और मैत्रीपूर्ण सरकार के सदस्यों का सदन में प्रस्ताव लाने पर चिंता जाहिर की है।
सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या खेदजनक थी, यह कोई अपराध नहीं था। उन्होंने कहा कि यह सऊदी या उसके संस्थानों की योजना को उजागर नहीं करती है। सऊदी अरब ने न्यायिक मामले को राह से भटकाने के आरोपों को भी खारिज किया था। इस बयान के दौरान सऊदी अरब ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को संरक्षित करने का भरसक भरसक किया था।
सऊदी अरब ने आतंकी गतिविधियों के विनाश से लेकर अरब और मुस्लिम देशों में क्षेत्रीय शान्ति कायम रखने के अपने प्रयासों का बखान किया है।
इस बयान में अमेरिकी और सऊदी के संबंधों के बाबत कहा कि ईरान के नापाक मंसूबों के अंत के लिए सऊदी अरब हमेशा वांशिगटन के साथ खड़ा रहा था। सऊदी अरब ने अपने आंतरिक मसलों में दखल को खारिज किया। उन्होंने सऊदी के नेतृत्व का असम्मान करने वाले सभी आरोपों को नाकारा है। सऊदी अरब ने कहा कि जो हमारे प्रभुत्व पर प्रश्न उठाये, हम उन सभी सभी आलोचनाओं का निरादर करते हैं।