पाकिस्तान में दो हिन्दू लड़कियों का अपहरण किया और जबरन उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए मज़बूर किया गया था। इसके बाद बच्चियों मुस्लिम व्यक्तियों से कर दिया गया था। इस मामले के वकील के मुताबिक हिन्दू लड़कियां वापस हिन्दू धर्म को अपना सकती हैं क्योंकि पाक का हिन्दू मैरिज एक्ट बाल विवाह को मान्यता नहीं देता है।
कराची की वरिष्ठ वकील हिरा सिंह ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को कहा कि “साल 2016 में सिंध प्रान्त ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शादी को गैरकानूनी करार दिया गया था। हालाँकि इस पर अभी तक सिंध प्रान्त के राजयपाल ने दस्तखत नहीं किये हैं। हिन्दू लड़कियों रीना (15) और रवीना (13) के शौहरों ने सिविल कोर्ट में पहले से ही याचिक दायर कर ली है। इसके तहत हिन्दू लड़कियों ने अपनी इच्छा से इस्लाम कबूल किया था और उनका निकाह जबरदस्ती नहीं किया गया था।”
उन्होंने कहा कि “हिन्दू लड़कियों का अदालत में बयान निर्णायक होगा, पुलिस ने कथित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।” पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू सिंध आपराधिक कानून विधेयक 2015 को पारित करने की मांग की है। इसके तहत हिन्दू अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकार सुरक्षित होंगे और उनका संरक्षण सुनिश्चित होगा।
लड़कियों को होली की शाम को सिंध प्रान्त के घोटकी जिले में स्थित उनके घर से एक प्रभावशाली समूह ने अगवा कर लिया गया था। अपहरण के बाद दोनों बच्चियों के निकाह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी। 20 मार्च को परिवार ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सोशल मीडिया पर दो वीडियो के वायरल हो जाने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना की जांच करने के आदेश दिए थे।
पाकिस्तान के अधिकतर हिन्दू सिंध प्रान्त में रहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 12 से 25 साल तक की लड़कियों का अपहरण किया जाता है और फिर उनका धर्मांतरण कर उनकी शादी उनके अपहरणकर्ता से कर दी जाती है।