पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने जबरन धर्मांतरण को गैर इस्लामिक करार दिया था और कहा कि ऐसा वो करते हैं जो इस्लाम के इतिहास से वाकिफ नहीं है। सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के समारोह को संबोधित करते हुए खान ने बताया कि पैगम्बर मोहमम्द कहते थे कि उन्होंने अल्पसंख्यको को धार्मिक स्वतंत्रता दी और उनके पूजा स्थलों का संरक्षण किया क्योंकि कुरान में हुक्म है कि दीन में कोई जबरदस्ती नहीं होती है।”
जबरन धर्मांतरण गैर इस्लामिक
उन्होंने कहा कि “हम कैसे किसी के इस्लाम में जबरन धर्मांतरण को अपने हाथो में ले सकते हैं, हम कैसे किसी के धर्म के कारण एक गैर मुस्लिम महिला से शादी या बन्दूक की नोक पर किसी का क़त्ल कर सकते हैं। यह सभी चीजे गैर इस्लामिक है। अगर अल्लाह ने किसी पर अपने ईमान को थोपने का अधिकार नहीं तो हम यह कैसे कर सकते हैं।”
इमरान खान ने कहा कि “इस्लामिक इतिहास में दूसरो का जबरन धर्मांतरण करने की कोई मिसाल नहीं है।” पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानव अधिकारों के उल्लंघन की काफी आलोचनाये हो रही है। पाकिस्तान की स्वतंत्र मानव अधिकार निगरानी समूह ने अप्रैल में जबरन धर्मांतरण और मुस्लिम युवको का हिन्दू व ईसाई लड़कियों से निकाह करने पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
पाकिस्तान के मानव अधिकार समूह की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने जबरन निकाह को रोकने के लिए बेहद कम कार्य किया है और इस अभ्यास को बंद करने के लिए सांसदों से प्रभावी विधेयक को पारित करने का आग्रह किया है। खान ने पाकिस्तान को मदीना के ढाँचे की तरह निर्माण करने की प्रतिबद्धता को दोहराया था।
मदीना में नागरिको को अधिकारों पर विश्वास होगा और बगैर किसी भेदभाव के नागरिकों को सुविधाएँ मुहैया की जाएँगी। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार करतारपुर गलियारे को शुरू करने के लिया प्रतिबद्ध है और यह कार्य गुरु नानक देव की 550 वीं सालगिरह पर किया जायेगा।