भारतीय थल सेना ने अपने अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को उनकी सेवा के अंतिम दिन मंगलवार को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। जनरल रावत आज शाम भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभालेंगे। जनरल रावत ने गॉर्ड ऑफ ऑनर लेने से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय सेना प्रमुख के तीन साल के सफल कार्यकाल के बाद वह जनरल एम.एम. नरवाने को कार्यभार सौंपेंगे। सरकार ने नरवाने को अगला सेना प्रमुख नियुक्त किया है।
केंद्र सरकार ने सोमवार रात जनरल रावत को सीडीएस नियुक्त करने की घोषणा की।
जनरल रावत 31 मार्च, 2023 तक सीडीएस रहेंगे।
रावत 16 दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा रायफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त हुए थे और एक जनवरी, 2017 से देश के थल सेना प्रमुख हैं।
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना के नियमों में संशोधन किया। संशोधन के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ या तीनों सेनाओं का प्रमुख 65 साल तक सेवा में रह सकेगा। पूर्व के नियमों के अनुसार तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल के लिए रह सकते थे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद, उसके विशेषाधिकार और कर्तव्य गठित किए थे। सीडीएस चार-सितारा से सुसज्जित होंगे, जो नए सैन्य विभाग की अगुआई करेंगे।