भारत के सेनाध्यक्ष पांच दिनों की मालदीव की यात्रा पर हिया और उन्होंने रक्षा मंत्री व अन्य आला अधिकारियो से सोमवार को मुलाकात की थी। सेनाध्यक्ष ने रक्षा मंत्री मरिया डीडी और रक्षा सेना के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्लाह शमाल से मुलाकात की और रक्षा सहयोग पर चर्चा की थी।
सेनाध्यक्ष की मालदीव यात्रा
भारतीय सेना ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि “जनरल बिपिन रावत ने मालदीव की रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी। दोनों देशो की संयुक्त चिंताओं के व्यापक मामलो पर चर्चा की गयी थी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग का मुद्दा था जैसे हिन्द महासागर इलाके में सुरक्षा चिंता है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि “जनरल बिपिन रावत ने चीफ ऑफ़ डिफेन्स फाॅर्स मेजर जनरल अब्दुल्ला शामाल से मुलाकात की थी और रक्षा सहयोग और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी। दोनों ने रक्षा संबंधो का विस्तार करने पर सहमती व्यक्त की है।
जनरल रावत ने सैन्य अस्पताल का भी दौरा किया था जहां भारतीय सुरक्षा सेना की मेडिकल टीम अस्पताल के संचालन के लिए सहायता मुहैया कर रही थी। उन्होंने मेडिकल टीम से बातचीत की और सैन्य अस्पताल को प्रभावी तरीके से संचालित करने में उनके योगदान की सराहना की थी।
सेनाध्यक्ष ने विजय स्मारक का दौरा भी किया था और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी जिन्होंने अपना जीवन 3 नवम्बर 1988 को गंवाया था। इसके आलावा जनरल रावत ने मालदीव में भारत के राजदूत सुन्जय सुधीर से भी मुलाकात की थी।सीओएएस ने हिन्द महासागर में सुरक्षा सम्बंधित मुद्दों और सहयोग की गतिविधियों के बाबत बताया था।
सेनाध्यक्ष के साथ सभी मुलाकातों के दौरान सुन्जय सुधीर भी मौजूद थे। भारत के लिए मालदीव हमेशा एक महत्वपूण स्थान रहा है। मालदीव की सेना की क्षमता का विस्तार करने में भारत पूरा सहयोग करता है। संबंधो को मज़बूत बनाने के लिए सैन्य वाहनों और सिंय उपकरणों का आदान-प्रदान किया जाता है।